जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। चक्रवाती तूफान बिपरजॉय गुजरात से तो गुजर गया, लेकिन तबाही मचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। इतना ही नहीं हजारों गांवों में बत्ती गुल हो गई जबकि पांच हजार पोल टूट गए है।
इसके आलावा सैकड़ों पेड़ भी उखड़ गए है। इस दौरान पूरे गुजरात में मुसीबत की मूसलाधार बारिश और आफत का सैलाब भी खूब देखने को मिल रहा है।
अगर देखा जाये तो कच्छ और सौराष्ट्र के 8 जिलों इस चक्रवाती तूफान बिपरजॉय का अच्छा खासा असर देखने को मिला है। इस तूफान की चपेट में खंभे और पेड़ आ गए और उखड़।
हालांकि अच्छी बात है कि किसी के मरने की खबर नहीं लेकिन 22 से ज्यादा लोग घायल होने की बात सामने आ रही है। हालांकि तूफान इतना तेज था कि कई गाडिय़ां खिलौने की तरह पलट गईं।

हवाएं सबकुछ उखाड़ते हुए आगे बढ़ रही थी। अब चक्रवाती तूफान बिपरजॉय पाकिस्तान को पार करता हुआ तेजी से राजस्थान के बाड़मेर शहर की तरफ बढ़ रहा है जबकि गुजरात में लैंडफॉल के बाद चक्रवात कमजोर पड़ गया है।
हवाओं का जोर देखने को मिल रहा है। स्थानीय मीडिया ने बताया है कि 50 से 60 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाए इस वक्त चल रही है। बारिश भी खूब हो रही है। राजस्थान में इसका असर देखने को मिल सकता है और पांच शहरों को सावधान कर दिया गया है।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक अतुल करवाल ने शुक्रवार (16 जून) को कहा कि गुजरात में चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के आने के बाद किसी की जान नहीं गई है।
हालांकि 23 लोग विभिन्न घटनाओं में घायल हुए हैं और राज्य के कम से कम एक हजार गांवों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई है.करवाल ने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि दुर्भाग्य से तूफान के गुजरात पहुंचने के पहले दो लोगों की मौत हो गई लेकिन तूफान के पहुंचने के बाद कोई जनहानि नहीं हुई है।
उन्होंने कहा कि गुजरात प्रशासन तथा अन्य एजेंसियों ने जानमाल का कम से कम नुकसान सुनिश्चित करने के लिए मिल कर काम किया था। यह उसी का यह नतीजा है।
एनडीआरएफ के महानिदेशक ने कहा कि तूफान से जुड़ी घटनाओं में कम से कम 23 लोग घायल हो गए. उन्होंने कहा कि राज्य के कम से कम एक हजार गांव बिजली संकट का सामना कर रहे हैं। इनमें 40 प्रतिशत बिजली संकट अकेले कच्छ जिले में है।
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