जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। शुक्रवार को झारखंड की विधानसभा में जो हुआ उसकी कल्पना न मुख्यमंत्री को थी न सदन के बाकी सदस्यों को। यही वजह है कि सदन में ज़बरदस्त हंगामा हुआ।
इस हंगामे की वजहों को जानने के लिए आयें तो पता चलता है कि जिस विधायक को लाखों लोग अपने विश्वास पर सदन में चुनकर भेजते हैं उनके पास भी मर्यादा न हो तो हालात वही बनते हैं जो झारखंड की विधानसभा में बने।
झारखंड विधानसभा में अनुदान मांग को लेकर चर्चा चल रही थी। बीजेपी विधायक अमर बाउरी कटौती के प्रस्ताव पर बोल रहे थे। अपने भाषण में वह झारखंड सरकार की नाकामियों को गिनवा रहे थे।

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बीजेपी विधायक को बीच में रोककर स्वच्छता मंत्री मिथलेश ठाकुर ने यह कहकर टोक दिया कि विपक्ष को सरकार के काम की सही जानकारी नहीं है।
स्वच्छता मंत्री की इस बात पर अमर बाउरी गुस्से से आगबबूला हो गए। वह बोले कि जुम्मा-जुम्मा एक साल हुए मंत्री बने हुए, आगे रह पाएंगे या पता नहीं। मैं दूसरी बार जीतकर आया हूँ। पांच साल मंत्री रह चुका हूँ।
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इसी बीच बीजेपी के भानु प्रताप शाही खड़े हो गए। संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम की ओर मुखातिब होते हुए बोले कि यह तो सब जानते हैं मगर धृतराष्ट्र की तरह तमाशा देखते रहते हैं।
इसके बाद तो विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच नोकझोंक तेज़ हो गई। बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने सारी हदें पार कर दीं। वह बोले कि आजकल सब जगह लोग एक ही गाना गुनगुना रहे हैं।
चाहे वो चोर हो, डकैत हो, बलात्कारी या दुराचारी हो, हेमंत है तो हिम्मत है। इसके बाद जो ज़बरदस्त हंगामा हुआ कि काम बंद हो गया और शोर तेज़ हो गया।
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