जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोर्ट ने आज ऐतिहासिक फैसला सुनाया। कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। तीनों दोषियों पर अलग-अलग धाराओं के तहत जुर्माना भी लगाया गया है।
कोर्ट का फैसला: उम्रकैद और जुर्माना
अदालत ने मुकदमा अपराध संख्या 1/22 में IPC की धाराएं 302 (हत्या), 201 (सबूत मिटाना), 354A (छेड़छाड़) और ITPA (अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम) की धारा 3(1)d के तहत तीनों को दोषी ठहराया।
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पुलकित आर्य: हत्या, छेड़छाड़, सबूत मिटाने और अनैतिक व्यापार अधिनियम के तहत उम्रकैद
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सौरभ भास्कर व अंकित गुप्ता: हत्या और सबूत मिटाने का दोषी करार, उम्रकैद
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पीड़ित परिवार को ₹4 लाख का मुआवज़ा देने का आदेश
कौन है पुलकित आर्य?
पुलकित आर्य, इस मामले का मुख्य आरोपी है, जो तत्कालीन बीजेपी नेता विनोद आर्य का बेटा है। अंकिता की हत्या के बाद इस केस ने जबरदस्त राजनीतिक भूचाल ला दिया था। बीजेपी ने सार्वजनिक दबाव के चलते विनोद आर्य को पार्टी से निष्कासित कर दिया था।
कौन थीं अंकिता भंडारी और कैसे हुई हत्या?
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उम्र: 19 वर्ष
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निवास: यमकेश्वर, पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखंड
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काम: रिसेप्शनिस्ट, वनतारा रिसॉर्ट (ऋषिकेश के पास)
18 सितंबर 2022 को अंकिता लापता हो गई थीं। 24 सितंबर को उसका शव चीला पावर हाउस की नहर से बरामद हुआ। जांच में सामने आया कि पुलकित आर्य ने अंकिता पर एक वीआईपी को “स्पेशल सर्विस” देने का दबाव बनाया था, लेकिन जब उसने इनकार किया, तो उसे धक्का देकर नहर में फेंक दिया गया।
पुलकित के साथ साजिश में शामिल थे रिसॉर्ट कर्मचारी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता।
SIT जांच, चार्जशीट और सुनवाई
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उत्तराखंड सरकार ने इस केस की एसआईटी जांच करवाई
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500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की गई
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अभियोजन पक्ष ने 97 गवाहों की लिस्ट दी, जिसमें से 47 पेश किए गए
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करीब 2 साल 8 महीने तक चली सुनवाई के बाद कोर्ट का फैसला आया
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सरकार की भूमिका
उत्तराखंड सरकार ने अंकिता के परिवार को न्याय दिलाने का भरोसा दिया था।
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पीड़ित परिवार को मुआवज़ा और नौकरी का आश्वासन दिया गया
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वकील तक तीन बार बदले गए ताकि मजबूत पक्ष पेश हो सके