न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने भारत एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) को मंजूरी दे दी है। यह देश का पहला कॉरपोरेट बॉन्ड ईटीएफ है। ईटीएफ के जरिए शेयर बाजार, कमोडिटी और सिक्योरिटी में निवेश किया जाता है। शेयर बाजार में ईटीएफ उसी तरह ट्रेड करता है जैसे कोई शेयर करता है।
कैबिनेट मंजूरी के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार देश में बांड बाजार का विस्तार करना चाहती है। बांड ईटीएफ लांच होने से भारत वित्तीय रूप से एक अधिक सक्रिय अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
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भारत बांड ईटीएफ को एक्सचेंज पर लिस्ट किया जाएगा। इसके कारण इसे कोई भी कभी भी खरीद और बेच सकता है। इसके साथ ही इसका एक यूनिट 10,000 रुपए से अधिक का नहीं होगा। इससे कम पूंजी रखने वाले छोटे निवेशक भी बांड ईटीएफ का हिस्सा बन सकते हैं।
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बॉन्ड ETF की खासियत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हर एक ईटीएफ की तय मैच्योरिटी डेट होगी और इनको जोखिम के आधार पर ट्रैक भी किया जाएगा। इनका मैच्योरिटी पीरियड 3 से 10 सालों का होगा। भारत बॉन्ड ईटीएफ में करीब एक दर्जन सरकारी कंपनियों के शेयर होंगे।
इसमें नेशनल हाइवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया, इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉरपोरेशन, पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन, नेशनल थर्मल कॉरपोरेशन, नाबार्ड, एक्जिम बैंक, न्यूक्लियर पावर, आरएसी, पावरग्रिड जैसी कंपनियों के शेयर रखे जाएंगे। सूत्रों के मुताबिक भारत बॉन्ड ईटीएफ को इसी महीने के दूसरे या तीसरे हफ्ते में लॉन्च किया जा सकता है।
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क्या है बांड ईटीएफ?
बाजार को पहले से सरकार द्वारा बांड ईटीएफ लाए जाने की उम्मीद थी। इससे पहले सरकार ने 2014 में पहली बार इक्विटी ईटीएफ लांच किया था, जिसे काफी सफलता मिली। इसके बाद भारत-22 ईटीएफ आया और सरकार के मुताबिक वह भी काफी सफल रहा है।
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बांड ईटीएफ एक ऐसा फंड होता है, जो एक्सचेंज में ट्रेड करता है और पारंपरिक बांड म्यूचुअल फंड की तरह बांड में निवेश करता है। एक्टिवली मैनेज्ड डेट फंड के मुकाबले बांड ईटीएफ को कम खर्च पर एक्सचेंज पर खरीदा-बेचा जा सकता है।
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