Thursday - 11 January 2024 - 11:46 AM

कोरोना वायरस: ट्रंप के विचित्र सलाह पर डॉक्टरों ने जताई आपत्ति

न्यूज डेस्क

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप ने एक विचित्र सलाह दी है जिस पर डॉक्टरों ने कड़ी आपत्ति जतायी है। उन्होंने सलाह दी है कि इस पर शोध होना चाहिए कि क्या रोगाणुनाशकों को शरीर में इंजेक्ट करने से कोरोना वायरस का इलाज हो सकता है।

कोरोना महामारी के बीच ट्रंप हर रोज प्रेस कांफ्रेंस कर रहे हैं। बातचीत में वह अक्सर ऐसी बातें करते रहे हैं जो चर्चा का विषय बनी है। अब ट्रंप सैनिटाइजर के इंजेक्शन की बात कर रहे हैं।

गुरुवार को व्हाइट हाउस की ब्रीफिंग के दौरान एक अधिकारी ने अमरीकी सरकार की रिसर्च का नतीजा पेश करते हुए कहा कि इससे संकेत मिलते हैं कि सूरज की रोशनी और गर्मी से कोरोना वायरस अपेक्षाकृत तेजी से कमजोर होता है।

इस अध्ययन में ये भी दावा किया गया है कि सलाइवा और श्वसन तंत्र में मौजूद कोरोना वायरस को ब्लीच पांच मिनट के अंदर खत्म कर देता है। साथ ही ये भी दावा है कि आइसोप्रोपिल अल्कोहल इस वायरस को और तेजी से खत्म कर सकता है।

आइसोप्रोपिल अल्कोहल का इस्तेमाल डिसइंफेक्टेंट्स, डिटर्जेंट्स और एंटिसेप्टिक्स जैसे केमिकल में होता है। उसके बाद प्रेस कांफ्रेंस में राष्ट्रपति ट्रंप ने सैनिटाइजर के इंजेक्शन और अल्ट्रा वायलट रोशनी को किसी तरह शरीर के अंदर पहुंचाने की बात की।

उनका तर्क यह है कि डॉक्टर बार-बार वायरस से बचने के लिए धूप में बैठने की हिदायत दे रहे हैं, तो क्यों ना एक साथ बहुत सारी रोशनी अल्ट्रा वायलट किरणों के जरिए शरीर के अंदर पहुंचा दी जाए। उन्होंने कहा, “मान लीजिए हम शरीर को खूब सारी रोशनी दें फिर चाहे वो अल्ट्रा वायलेट हो या कोई बहुत शक्तिशाली रोशनी।”

व्हाइट हाउस की कोरोना वायरस टास्क फोर्स कोऑर्डिनेटर डॉक्टर डेबोराह बिर्क्स की ओर देखते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, “मेरे ख्याल से आप लोगों ने अभी तक इसे टेस्ट नहीं किया है लेकिन आप ऐसा कर सकते हैं।” ट्रंप के सुझावों के दौरान डॉक्टर बिर्क्स काफी हैरान दिखीं और उनके हावभाव तुरंत सोशल मीडिया पर भी वायरल होने लगे हैं। ट्रंप ने पत्रकारों के सामने ही उनसे पूछा कि क्या वे इस बारे में जानती हैं। डॉक्टर बिर्क्स का जवाब था, “इलाज के रूप में तो नहीं।”

ट्रंप यहां रुके नहीं। उन्होंने आगे कहा, “मैं डिसइंफेक्टेंट को देखता हूं जो एक मिनट में उसे (वायरस को) मार देता है, एक मिनट में। तो क्या कोई तरीका नहीं है कि उसे किसी तरह शरीर के अंदर इंजेक्ट कर दिया जाए जहां वो सफाई कर दे। इसका पता लगाना दिलचस्प होगा।”

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हालांकि ऐसी बातें आम लोगों के बीच कोरोना महामारी की शुरुआत से चल रही हैं, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी देश के राष्ट्रपति  ने व्हाट्सऐप फॉरवर्ड जैसे किसी आइडिया को देश के सामने रखा हो। ट्रंप बार बार कहते रहे हैं कि वे डॉक्टर नहीं है लेकिन सामान्य बुद्धि का इस्तेमाल करना जानते हैं। इस बार भी उन्होंने इसी बात को दोहराया।

ट्रंप सिर्फ अनोखे आइडिया देते ही नहीं है, उन पर फौरन अमल करने के लिए भी जाने जाते हैं। कुछ दिनों पहले मलेरिया की दवा हाइड्रॉक्सी-क्लोरोक्वीन के मामले में भी ऐसा ही देखा गया। ट्रंप ने कहा था कि इससे कोरोना वायरस के खिलाफ फायदा मिल सकता है। दो दिन बाद ही उन्होंने भारत से भारी मात्रा में यह दवा मंगा ली। ऐसा तब जब इस दवा पर कोविड-19 को लेकर कोई रिसर्च नहीं हुई है और खुद अमेरिका में डॉक्टर इसके नुकसान गिनवा रहे हैं।

ट्रंप से सीख कर कुछ और देशों ने भी इसका इस्तेमाल शुरू किया लेकिन नतीजा उल्टा ही दिखा। ब्राजील ने तो अब यह कह कर इस्तेमाल रोक दिया है कि इस दवा के कारण ज्यादा मौतें हो रही हैं।

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कोरोना संक्रमण रोकने के लिए ईरान में लोगों ने पीया था इंडस्ट्रियल अल्कोहल

ईरान में ऐसा ही कुछ कोरोना संक्रमण के शुरुआत में हुआ था। वहां जब ऐसी अफवाह फैली की अल्कोहल पीने से कोरोना वायरस मर जाता है तो ईरान में कुछ लोगों ने यह तर्क लगाया कि अगर अल्कोहल लगाने से वायरस मर सकता है, तो पी लेने से भी शरीर के अंदर सफाई हो जाएगी। फिर क्या शराब की बिक्री पर पाबंदी के बावजूद कुछ लोगों ने इंडस्ट्रियल अल्कोहल का बंदोबस्त किया और अपने जानने वालों में भी उसे बांटा। इसे पीने के कारण वहां सैकड़ों लोगों की जान गई।

पिछले लगभग चार महीनों से वैज्ञानिक लगातार अपील करते आए हैं कि कोरोना वायरस से जुड़ी अफवाहों पर यकीन ना किया जाए। इसके अलावा ट्रंप इस बात पर भी जोर दे रहे हैं कि कोरोना का टीका बहुत जल्द बाजार में होगा।

यूरोप में जर्मनी और ब्रिटेन ने इस हफ्ते इंसानों पर टीके का परीक्षण शुरू कर दिया है, लेकिन इसके बावजूद जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल लगातार कह रही हैं कि आम लोगों तक टीका पहुंचने में अभी बहुत वक्त लगेगा। उन्होंने इस साल के अंत या अगले साल की शुरुआत की समय सीमा दी है। इसके विपरीत ट्रंप कुछ दिनों या हफ्तों की बात पर अटके हुए हैं।

अमरीका में कोरोना वायरस के कारण 50 हजार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 9 लाख लोग संक्रमित हैं। सबसे ज़्यादा प्रभावित न्यूयॉर्क प्रांत है, जहां 20 हजार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

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