जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ । कोरोना से संक्रमित मरीज जो मौत के मुंह से वापस आये हैं उन्हें निर्धारित सरकारी दर पर रिम्बर्समेंट देने में कई अधिकारी मनमानी पर उतर आये हैं वह सरकार के उस दर को नहीं मान रहे हैं जिसे प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराने वालों के लिये महामारी के मद्देनजर निर्धारित कर रखा है।
सरकारी कर्मचारियों के दम पर महामारी पर नियंत्रण हो पा रहा है लेकिन जब यही कर्मचारी और अधिकारी कोरोना पीड़ित हुए तब मजबूरी में इलाज के लिये प्राइवेट हास्पीटल में भर्ती होना पड़ा।
और किसी तरह से उन्होंने अस्पताल का बिल दिया। लेकिन उनके भुगतान के समय अधिकारी इस सरकारी आदेश को मानने से मना कर रहे हैं। इस कारण इनमें जबरदस्त रोष है।
अब राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष एस पी तिवारी ने इस मामले को शासन के समक्ष जोरशोर से उठाया है।


बता दें इसके पहले जुबली पोस्ट ने भी इस मामले को उठाया था।
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बताते चलें कि राजधानी लखनऊ में जहां बड़े अफसर और नेता रहते हैं उनका भुगतान प्राइवेट नर्सिंग के लिये सरकारी दर पर ही सीएमओ लखनऊ द्वारा भुगतान किये जाने की बात सामने आ रही है लेकिन अन्य जनपदों के सीएमओ इस आदेश को नहीं मान रहे हैं वह सरकारी आदेश की इंतजारी में बैठे हैं और सरकारी कर्मचारियों को प्रताड़ना दे रहे हैं।
सरकार को चाहिये कि तत्काल इस पर आदेश जारी करे अन्यथा सरकार की किरकिरी तो हो ही रही है साथ ही सरकारी कर्मचारी भी आर्थिक विपन्नता का सामना कर रहे हैं।



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