जुबिली न्यूज डेस्क
कर्नाटक की कारवार विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक सतीश कृष्णा सैल उर्फ सतीश के. सैल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में बेंगलुरु से हिरासत में लिया गया है। विधायक की गिरफ्तारी उस समय हुई जब वे पूछताछ के लिए ईडी ऑफिस पहुंचे थे।
अगस्त में हुई थी बड़ी छापेमारी
13 और 14 अगस्त को ईडी ने विधायक सतीश सैल और उनसे जुड़े कारोबारियों के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। यह कार्रवाई कारवार (उत्तर कन्नड़), गोवा, मुंबई और दिल्ली में की गई थी।
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विधायक के घर से 1.41 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए।
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बैंक लॉकर से 6.75 किलो सोना (जेवर और बिस्कुट) मिला।
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श्री लाल महल लिमिटेड के दफ्तर से 27 लाख रुपये नकद जब्त हुए।
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सैल परिवार और उनकी कंपनियों के खातों में जमा 14.13 करोड़ रुपये को फ्रीज किया गया।
इसके अलावा कई अहम दस्तावेज, ई-मेल और रिकॉर्ड भी जब्त किए गए थे।
क्या है पूरा मामला?
ईडी की जांच के अनुसार, यह मामला 86 करोड़ रुपये के अवैध लौह अयस्क निर्यात घोटाले से जुड़ा हुआ है।
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साल 2010 में सतीश सैल और उनके सहयोगियों ने करीब 1.25 लाख मीट्रिक टन लौह अयस्क (Iron Ore Fines) का अवैध निर्यात किया।
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यह अयस्क पहले ही वन विभाग, अंकोला द्वारा जब्त किया जा चुका था।
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इसके बावजूद इसे कारवार के पास स्थित बेलेकेरी बंदरगाह से बाहर भेज दिया गया।
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इस अवैध निर्यात की अनुमानित कीमत 86.78 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
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विधायक की गिरफ्तारी से बढ़ी सियासी हलचल
कांग्रेस विधायक सतीश सैल की गिरफ्तारी के बाद कर्नाटक की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। विपक्षी दलों ने इसे भ्रष्टाचार का बड़ा मामला करार दिया है। वहीं, ईडी का कहना है कि जांच में आगे और खुलासे हो सकते हैं।