जुबिली न्यूज डेस्क
कोडीन युक्त कफ सिरप कांड में आरोपियों को इलाहाबाद हाई कोर्ट से करारा झटका लगा है। शुभम जायसवाल समेत अन्य आरोपियों की ओर से दाखिल याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। आरोपियों ने गिरफ्तारी और उनके खिलाफ हो रही कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की थी, लेकिन अदालत ने इसे मानने से इनकार कर दिया।

हाई कोर्ट ने अपराध की गंभीरता को देखते हुए आरोपियों को किसी भी तरह की राहत देने से साफ मना कर दिया। जांच में सामने आया है कि इस कांड का मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल है और मामले में एक बड़े नेटवर्क के सक्रिय होने के संकेत मिले हैं।
इस केस में वाराणसी, सोनभद्र, गाजियाबाद, जौनपुर, बस्ती और कानपुर नगर सहित कई जिलों में एफआईआर दर्ज की गई है। फिलहाल हाई कोर्ट के फैसले के बाद आरोपियों के खिलाफ जांच और कानूनी कार्रवाई जारी रहेगी।
बताया जा रहा है कि मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल फिलहाल भारत से फरार है और दुबई में बैठा हुआ है। हाल ही में उसका एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें उसने खुद को निर्दोष बताया था। वहीं पुलिस अब तक अमित सिंह टाटा और आलोक सिंह को गिरफ्तार कर चुकी है। मामले में लगातार छापेमारी की जा रही है और अलग-अलग शहरों से बड़ी मात्रा में कोडीन सिरप बरामद हुई है।
मामले के सामने आने और सियासी रूप लेने के बाद योगी सरकार ने इसकी जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन किया है। साथ ही प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी जांच शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि इस रैकेट के तार विदेशों से जुड़े हैं, ऐसे में ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से पैसों के लेन-देन की जांच कर रही है।
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कोडीन कफ सिरप कांड को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी विधानसभा में बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि नशे के लिए कफ सिरप के इस्तेमाल और उसकी तस्करी की शिकायतों के बाद कार्रवाई की गई। सीएम ने दावा किया कि शुरुआती जांच में कुछ आरोपियों के समाजवादी पार्टी से संबंध भी सामने आए हैं, जिस पर सियासी हलचल तेज हो गई है।
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