जुबिली न्यूज डेस्क
गोरखपुर | 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day 2025) के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने योग को भारत की प्राचीन मनीषा की अनुपम देन बताते हुए कहा कि योग न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य का माध्यम है, बल्कि यह लोक और विश्व कल्याण का मार्ग भी प्रशस्त करता है। उन्होंने कहा कि आज भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के करीब 190 देश भारतीय योग की विरासत से जुड़कर गौरव का अनुभव कर रहे हैं।
योग दिवस पर सीएम योगी का संदेश
गोरखनाथ मंदिर स्थित महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में आयोजित योग कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा,“योग भारत की ऋषि परंपरा का ऐसा दिव्य मंत्र है, जो न केवल स्वस्थ शरीर देता है बल्कि एक संतुलित और स्थिर मस्तिष्क भी प्रदान करता है।”
उन्होंने कहा कि मानव जीवन के चार पुरुषार्थ – धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति स्वस्थ शरीर के बिना असंभव है। और स्वस्थ शरीर का आधार योगाभ्यास है।
धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष इन सभी की प्राप्ति एक स्वस्थ शरीर से ही की जा सकती है… pic.twitter.com/tvXaPilSVa
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) June 21, 2025
योग से संभव है रोग, जरा और मृत्यु से मुक्ति
मुख्यमंत्री ने वेदों का हवाला देते हुए कहा,”न तस्य रोगो न जरा न मृत्युः प्राप्तस्य योगाग्निमयं शरीरम्”,यानी योग से तपा हुआ शरीर रोग, वृद्धावस्था और मृत्यु से भी मुक्त हो जाता है।
पीएम मोदी को बताया योग को वैश्विक पहचान दिलाने वाला नेता
सीएम योगी ने कहा कि जब भारत की योग परंपरा को बाहरी देश अपने नाम पर पेटेंट कराने लगे थे, उस कठिन दौर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में पहल कर 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित कराया। यह न केवल भारतीय विरासत को वैश्विक मंच पर मान्यता दिलाने वाला कदम था, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को अपनी संस्कृति से जोड़ने का माध्यम भी बना।
सामूहिक योगाभ्यास का भव्य आयोजन
गोरखनाथ मंदिर परिसर में आयोजित इस योग कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी ने न केवल पीएम नरेंद्र मोदी का लाइव संबोधन देखा, बल्कि खुद भी योग के विभिन्न आसन, प्राणायाम और ध्यान का अभ्यास किया। इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, सांसद रविकिशन शुक्ल, महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, विधायकगण और कई अधिकारी, प्रशिक्षु व योग साधक मौजूद रहे।