Saturday - 13 January 2024 - 9:59 PM

संसद में गृह मंत्रालय की सफाई, कहा-देशव्यापी एनआरसी लाने…

न्यूज डेस्क

नागरिकता संसोधन काननू और एनआरसी पर हो रहे देशव्यापी विरोध के बीच संसद में मंगलवार को सरकार ने राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) को लेकर सफाई दी।

सरकार ने लोकसभा में कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर एनआरसी लाने के बारे में अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है। विपक्षी दल के सांसदों ने सरकार से सवाल किया था कि क्या सरकार की पूरे देश में एनआरसी लाने की कोई योजना है?

संसद में चंदन सिंह और नमा नागेश्वर राव के प्रश्नों के लिखित उत्तर में गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने यह जानकारी दी। राय ने कहा, ‘ अभी तक एनआरसी को राष्ट्रीय स्तर पर तैयार करने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है।’

गौरतलब है कि संसद में भी विपक्षी सांसदों ने सीएए और एनआरसी को लेकर हंगामा किया था। मंगलवार को भी यह मुद्दा संसद में उठा।

पिछले साल 22 दिसंबर को नई दिल्ली के रामलीला मैदान में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा था कि पिछले पांच सालों की उनकी सरकार में एनआरसी पर कोई चर्चा नहीं हुई है। उन्होंने कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों पर लोगों में भ्रम पैदा करने का आरोप लगाया था।

रामलीला मैदान में संबोधित करते हुए मोदी ने देश भर में एनआरसी लागू करने की बात खारिज करते हुए कहा,  मैं  देश के 130 करोड़ भारतीयों को बताना चाहता हूं कि 2014 से लेकर अब तक में कहीं भी च्एनआरसीज् शब्द पर चर्चा नहीं हुई है। ये सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर असम में किया गया है।

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मोदी ने कहा था, पहले ये तो देख लीजिए, एनआरसी पे कुछ हुआ भी है क्या? झूठ चलाए जा रहे हैं। मेरी सरकार आने के बाद, 2014 से आज तक, कहीं पर भी एनआरसी शब्द पर कोई चर्चा नहीं हुई है. कोई बात नहीं हुई है।

मोदी के इस बयान पर सवाल भी उठा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भले ही इसे झूठा करार दिया था लेकिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चुनावी रैलियों से लेकर संसद तक में कई बार कहा था कि पूरे देश में एनआरसी लागू किया जाएगा।

साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा में अपने घोषणापत्र में वादा किया कि अलग-अलग चरणों में देश भर में एनआरसी लागू किया जाएगा।

इतना ही नहीं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी पिछले साल 20 जून को संसद में कहा था, मेरी  सरकार ने घुसपैठ से प्रभावित क्षेत्रों में प्राथमिकता के आधार पर ‘राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर’  लागू करने का फैसला किया है। 

हालांकि, राष्ट्रपति ने बजट सत्र की शुरुआत में 31 जनवरी को संसद में दिए अपने भाषण में एनआरसी का उल्लेख नहीं किया।

मालूम हो पिछले साल झारखंड में चुनावी सभा के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने देश भर में एनआरसी लागू करने की बात दोहराई थी। उन्होंने कहा,  मैं  आपको बता रहा हूं कि जब 2024 में वे (कांग्रेस) वोट मांगने के लिए आएंगे, उस समय तक भाजपा पूरे देश में एनआरसी लागू कर चुकी होगी और सभी घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें बाहर निकाल चुकी होगी। ज्

इसके अलावा पिछले साल 9 दिसंबर को नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 पर लोकसभा में चर्चा के दौरान गृहमंत्री शाह ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत में एनआरसी लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा, हमें  एनआरसी के लिए कोई पृष्ठभूमि तैयार करने की जरूरत नहीं है। हम पूरे देश में एनआरसी लाएंगे। एक भी घुसपैठिया छोड़ा नहीं जाएगा। 

गृहमंत्री के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी सार्वजनिक रूप से कहा है कि पूरे देश में एनआरसी लागू किया जाएगा। राजनाथ सिंह ने तो पिछले महीने कर्नाटक के मंगलुरु में एक रैली को संबोधित करते हुए पूछा था कि एनआरसी पर आपत्ति क्यों होनी चाहिए?

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