जुबिली स्पेशल डेस्क
छत्तीसगढ़ में इस साल चुनाव होना है। वहां पर कांग्रेस की सरकार है और लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी का सपना देख रही है तो दूसरी ओर बीजेपी को उम्मीद है कि जनता उनको वोट देंगी। हालांकि चुनावी साल होन के बावजूद यहां पर नेताओं का पाला बदलने का खेल भी शुरू हो गया है।
सतनामी संप्रदाय के आध्यात्मिक गुरु बालदास साहब ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया है और बीजेपी का दामन थाम लिया है। इसके साथ ही उन्होंने अपने दो बेटों और एक बेटी की भी बीजेपी में शामिल हुए है।
इससे पहले वो सत्तारूढ़ कांग्रेस का हिस्सा थे। अब देखना होगा कि बीजेपी शामिल होने से इसका फायदा पार्टी को कितना पहुंचता है।
कुछ लोगों की माने तो चुनाव से पहले आध्यात्मिक गुरु के पाला बदलने से कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती हैं और चुनावी समीकरण भी प्रभावित हो सकते हैं। सतनामी समाज के बहुत बड़े आध्यात्मिक चेहरों में से एक गुरु बालदास की जनता के बीच अच्छी पकड़ है और बीजेपी भी इस बात को समझ रही है।

ऐसा माना जाता है कि साल 2013 में भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में लाने में उन्होंने खास योगदान दिया था। इतना ही नहीं गुरु बालदास की मेहनत का नतीजा था कि बीजेपी सत्ता में वापसी हुई थी लेकिन 2018 के चुनाव से पहले वो बीजेपी से नाराज हो गए थे और कांग्रेस में शामिल हो गए थे और फिर कांग्रेस की सरकार बन गई।
अब एक बार फिर बीजेपी में शामिल होने से कांग्रेस को नुकसान पहुंचा सकते हैं। गुरु बालदास ने अपने दोनों बेटे खुशवंत साहब, सौरभ साहब और बेटी को भी भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता दिलवाई है। उनके बेटे चुनावी मैदान में बीजेपी के टिकट पर उतर सकते हैं।
कुल मिलाकर कांग्रेस की मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। सर्वे में भले ही कांग्रेस आगे हो लेकिन बीजेपी उसको कड़ी टक्कर दे रही है।
Jubilee Post | जुबिली पोस्ट News & Information Portal
