जुबिली न्यूज डेस्क
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में अंतरिम बजट में सर्वाइकल कैंसर के टीकाकरण का भी जिक्र किया। ह्यूमन पैपिलोमा वायरस जो सर्वाइकल कैंसर का कारण है उससे बचाव के लिए 9 साल से 14 साल की उम्र तक की लड़कियों को इस बीमारी से बचाव के लिए टीका लगाने की घोषणा की है। 8वी और नवी कक्षा में पढ़ने वाली लड़कियों को ये टीका लगाया जाएगा।

मॉडल और एक्ट्रेस पूनम पांंडे का सिर्फ 32 साल की उम्र में ही निधन हो गया है। बताया जा रहा है कि पूनम सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित थी। अब सवाल ये उठता है कि आखिर ये कैंसर क्या है और महिलाओं का इससे बचाव कैसे और क्यों जरूरी है। आइए जानते हैं कि इस कैंसर के लक्षण और बचाव के उपाय।
सर्वाइकल कैंसर क्या है?
सर्वाइकल कैंसर कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि है जो गर्भाशय ग्रीवा (cervix) में शुरू होती है। गर्भाशय ग्रीवा गर्भाशय का निचला हिस्सा है जो वजाइना से जुड़ा होता है। ह्यूमन पेपिलोमावायरस सर्वाइकल कैंसर का कारण है जिसके कई प्रकार हैं,जिन्हें HPV भी कहा जाता है। HPV ही अधिकांश सर्वाइकल कैंसर पैदा करने में अहम भूमिका निभाते हैं। HPV एक सामान्य संक्रमण है जो यौन संपर्क(sexual contact) से फैलता है।
HPV के संपर्क में आने पर कुछ लोगों में ये वायरस वर्षों तक जीवित रहता है और सर्वाइकल कैंसर को पनपने में मदद करता है। इस कैंसर का पता स्क्रीनिंग टेस्ट कराकर लगाया जाता है। HPV संक्रमण से बचाव करने के लिए वैक्सीन लगाकर सर्वाइकल कैंसर के बढ़ने के जोखिम को कम कर सकते हैं।
महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का कारण
महिलाओं में ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) सर्वाइकल कैंसर का मुख्य कारण है जिसके लिए असुरक्षित यौन संबंध जिम्मेदार है। कम उम्र में असुरक्षित यौन संबंध बनाने से और मल्टीपल पार्टनर्स के साथ यौन संबंध बनाने से HPV स्ट्रेन का खतरा बढ़ सकता है। साल 2020 में दुनिया भर में अनुमानित 341,831 महिलाओं की सर्वाइकल कैंसर से मृत्यु हो गई। सर्वाइकल कैंसर भारत में महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौतों का दूसरा प्रमुख कारण है। अगर समय रहते इस बीमारी का उपचार कर लिया जाए तो जान बचाई जा सकती है।
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण
वजाइना से असामान्य ब्लीडिंग होना, ये ब्लीडिंग आमतौर पर शारीरिक संबंध बनाने के दौरान होती है। पीरियड में स्पोटिंग होना या फिर हैवी ब्लीडिंग होना,लंबे समय तक पीरियड्य होना, पेशाब करने में दर्द और कठिनाई होना,पेशाब में खून आना,बार-बार दस्त लगना और थकान होने जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं।
सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए वैक्सीन
भारत में सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए दो कंपनियां गार्डासिल और जीएसके (ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन) वैक्सीन बेच रही हैं। ये वैक्सीन ज्यादातर प्राइवेट अस्पतालों में बेचा जा रहा है जिसकी कीमत 3000 से 10,000 रूपये तक की होती है। रोगी की मांग करने पर ही इस वैक्सीन को लगाया जाता है। 9 से 14 साल की बच्चियों को 6 महीने के अंतराल में दो डोज लगती हैं। वहीं 15 से 45 साल उम्र की महिलाओं को इस वैक्सीन की तीन डोज लगाई जाती है। माना जा रहा है कि भारत सरकार इस वैक्सीन को 200 से 400 रूपयों में बेचेगी।
Jubilee Post | जुबिली पोस्ट News & Information Portal
