जुबिली पोस्ट ब्यूरो लखनऊ। विविधता संविधान की मूल संरचना होनी चाहिए। सरकार के निर्णय लेने वाले संस्थानों में सभी समुदायों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व होना चाहिए। सार्वजनिक और निजी सभी संस्थानों में सभी की भागीदारी समाज के समग्र विकास के लिए होनी चाहिए। ये बात समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अब्दुल हफीज …
Read More »लिट्फेस्ट
याद किए गए बाबा साहब आंबेडकर
न्यूज डेस्क देश आज संविधान निर्माता व समाज सुधारक डॉ. भीमराव अंबेडकर की 128वीं जयंती मना रहा है। आंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को हुआ था। इस अवसर पर ग्रह मंत्री राजनाथ सिंह के पुत्र और भारतीय जनता पार्टी के युवा नेता नीरज सिंह ने हजरतगंज स्थित डॉ …
Read More »ब्रज की होली के साथ वीर एकलव्य नाटक ने किया मंत्रमुग्ध
जुबिली पोस्ट ब्यूरो लखनऊ। भक्ति संगीत से सजे कार्यक्रम का आरम्भ विभू बाजपेयी ने पंडित आदित्य द्विवेदी द्वारा लिखित रचना ‘‘रिद्धि के स्वामी विनायक सिद्धि का उपहार दो’ पर भावपूर्ण अभिनय युक्त नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को भगवान गणेश की भक्ति कर रसपान कराया। श्रीराम लीला परिसर में चल रहे …
Read More »संध्या की बिखरी अलकों मे,निशा का फैला श्याम दुकूल…
संध्या की बिखरी अलकों मे, निशा का फैला श्याम दुकूल, मूक है मद्धिम है पदचाप, तुमको प्रेम सौंपना भूल। अधर की पगली थी मदप्यास, तभी तो रहा तुम्हे था पूज। हाय रे भावुक था उन्माद, प्रलय का स्वागत करता ऊज। तुम्हारे रोदन की मुस्कान, उड़ाता आया उर मे धूल। हाथ …
Read More »यक्ष- युधिष्ठिर संवाद : कौन है सरकार ?
पंकज मिश्र यक्ष- कितने दिन हो गए ” भारत सरकार ” शब्द सुने हुए अब तो प्रधान मंत्री भी इसे मोदी सरकार कहते है | युधिष्ठिर – मने , आप कहना क्या चाहते है ….यक्ष | यक्ष – मोदी सेना के नाम पे नोटिस मिलती है और मोदी सरकार …
Read More »सहर में गांव की मस्जिद से आती…अजान की सुरीली सी आवाज…
सहर में गांव की मस्जिद से आती… अजान की सुरीली सी आवाज आवाज सुनकर रोज उठ जाता हूँ नींद से.. मेरे घर के पीछे वाली सड़क के उस पर है कलीम चचा के किराने की दुकान…… रोज करता हूँ उसकी कई बार परिक्रमा क्यूंकि वहां मिलता है मुझे मेरा अली …
Read More »लोकगीतों संग मनीष के लोकनृत्य का दिखा धमाल
जुबिली पोस्ट ब्यूरो लखनऊ। श्रीराम लीला समिति ऐशबाग के तुलसी शोध संस्थान की ओर से श्रीराम लीला परिसर में चल रहे भारतीय नववर्ष मेला एवं चैती महोत्सव- 2019 में संजोली पाण्डेय के लोकगीतों व मनीष यादव के बुन्देलखण्डी लोकनृत्य ने मंत्र मुग्ध किया। समारोह में श्रीराम लीला समिति के सचिव …
Read More »मैं कभी कभी भगवान होना चाहता हूं, और सृजन कर देना चाहता…
मैं कभी कभी भगवान होना चाहता हूं, और सृजन कर देना चाहता हूं नई दुनिया का। हां, नई सृष्टि जिसमें सिर्फ अंधेरा हो क्योकि अंधेरा सुकून भरा होता है और उजाला हमें थका देता है। अंधेरे के सुकून में मां की छांव होती है और बीड़ी के धुंए के छल्ले …
Read More »शाखाएं मौसम हवायें सब उसी के खिलाफ…
शाखाएं मौसम हवायें सब उसी के खिलाफ हैं बस इसीलिए वो पत्ते आवारा हुए जा रहे हैं कलम दवात दिख रहे हैं आज कल मयखाने में ज़रूर कुछ लोग आज शायर बने जा रहे हैं । जंग ज़रूरतें और ज़िम्मेदारियों के बीच छिड़ी हुई है , और बेचारे ख्वाब हार …
Read More »सुख और दुख में फर्क यूं खुद को बताते हो…
सुख और दुख में फर्क यूं खुद को बताते हो, तुम उसको याद करते हो और भूल जाते हो तुम जिसको चाहते थे, हासिल न कर सके फिर खुशनसीब क्यों भला खुद को बताते हो क्या इस ख़ुशी में तेरी कहीं गम भी है शरीक क्यों रौशनी बुझा कर जन्मदिन …
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