अभिषेक श्रीवास्तव आज दशहरा है। बचपन से घुट्टी पिलायी गयी है कि आज के दिन असत्य पर सत्य की जीत हुई थी। परंपरा है, तो न मानने की कोई वजह भी नहीं। इसलिए आज असत्य पर सत्य की जीत को मनाने का सही मौका है। हमारे यहां एक और परंपरा …
Read More »जुबिली डिबेट
समाजवाद का सूरज आईसीयू में !
देश की सियासत का इंजन मुलायम सिंह यादव भाजपा के भी रफीक़ रहे “रफीकुल मुल्क” मुलायम सिंह यादव नवेद शिकोह,@naved.shikoh ज़िन्दगी और मौत से लड़ रहे मुलायम सिंह यादव की जीत हो, वो जल्दी स्वस्थ हों, यही हर आम और ख़ास की कामना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर मुख्यमंत्री …
Read More »गाँधी ऐसे फैशन है, जो आउटडेट ही नहीं हो रहे
डॉ. मनीष पाण्डेय गांधी का 153 वीं जयंती वर्ष भी अब अतीत हुआ और जनमानस में शायद उतनी भी चर्चा नहीं हो पाई, जितनी ‘लगे रहो मुन्ना भाई’ फ़िल्म में गाँधीगिरी शब्द प्रयोग करने पर उस वर्ष हुई थी। ऐसा होने की तह तक जाने के बजाय फ़िलहाल इस पर …
Read More »राज्यों का विभाजन, पीके का नया एजेंडा !
विवेक अवस्थी “पीके” यानी प्रशांत किशोर को देश में अब पहचान की जरूरत नहीं है. प्रशांत किशोर चुनाव रणनीतिकार हैं. दस साल पहले गुजरात विधानसभा के चुनाव से उन्होंने नेताओं को चुनाव जीतने की राजनीतिक “सलाह” देने का जो सफर शुरू किया था, वह किसी न किसी तरीके से अभी …
Read More »कांग्रेस के नए अध्यक्ष को मिलेगा भारत जोड़ो यात्रा का लाभ
कृष्णमोहन झा देश के सबसे पुराने राजनीतिक दल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में अध्यक्ष पद के चुनाव की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है और इसके साथ ही अब यह भी तय हो गया है कि कांग्रेस का नया अध्यक्ष गांधी परिवार से नहीं होगा। अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे आगे …
Read More »पानी का बढता बाजारीकरण वैश्विक चिंता का सबब
संजय सिंह अफ्रीका के देश जिम्बाबे की राजधानी हरारे सहित 12 से 17 सितम्बर तक पेयजल एवं स्वच्छता वैश्विक कार्यशाला का आयोजन माना रिर्सोट हरारे में किया गया। इस कार्यशाला में भारत, पाकिस्तान, जिम्बाबे, सिएरा लियोन, मलावी, केन्या, नीदरलैण्ड, फ्रांस सहित एक दर्जन देशों के लोगों ने भाग लिया। इस …
Read More »सातवें आसमान पर कायम होते आपराधिक हौसले
देश, काल और परिस्थितियां नित नये रूप में परिवर्तित हो रहीं है। सकारात्मकता से कहीं अधिक नकरात्मकता का बोलबाला हो रहा है। बल के घमण्ड से सत्ता कायम करने की होड लगी है। गांव, गली और गलियारों से लेकर मुहल्लों, मुकामों और महानगरों तक में इसके ताजा उदाहरण देखने को …
Read More »नैरेटिव और परसेप्शन बदलने लगे हैं-मोदी हराए जा सकते हैं
धनंजय कुमार संघ, बीजेपी और उनका गोदी मीडिया पिछले 8-10 साल से जो नैरेटिव चला रहा है, जनता के बीच परसेप्शन गढ़ता आ रहा है, अब वह पलट रहा है। बीजेपी राष्ट्रभक्त पार्टी है। मोदी न खाते हैं न खाने देते हैं। भारत हिन्दू राष्ट्र और विश्वगुरु बनाकर रहेगा। कांग्रेस …
Read More »BJP के लिए कितने मुफीद हो सकते हैं गुलाम?
यशोदा श्रीवास्तव गुलाम नबी आजाद, यद्धपि कि अब लिखने का विषय नहीं रह गए फिर भी उनसे जुड़े किसी विषय पर लिखें तो वह बिना उनके अधूरा होगा। और वैसे भी कांग्रेस छोड़ कर वे तमाम ऐसे पहलू जन्मा गए जिसपर लिखते रहने का सिलसिला लंबा चलेगा। बात उनके इस्तीफे …
Read More »महत्वाकांक्षा के घेरे में कैद हुए आजाद
कृष्ण मोहन झा कांग्रेस पार्टी को गांधी परिवार के प्रभाव से मुक्त कराने की मंशा से पार्टी के जिन 23 वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को संयुक्त रूप से चिट्ठी लिखकर शीघ्र ही संगठन चुनाव कराने की मांग की थी उन नेताओं की इस ‘साहसिक पहल ‘ ने …
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