Sunday - 20 April 2025 - 9:18 PM

जुबिली डिबेट

मीडिया के हथियार से देश को घायल करने का षडयंत्र

डा. रवीन्द्र अरजरिया वर्तमान समय में वातावरण के सृजन का काम पूरी तरह से मीडिया ने ले लिया है। टेलीविजन चैनल्स, समाचार पत्र और सोशल मीडिया के अंतर्गत आने वाली अनगिनत और अनियंत्रित साइड्स के माध्यम से लोगों की मानसिकता को प्रभावित करने का काम बखूबी किया जा रहा है। …

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फिरने वाले है तकिया और गद्दे के दिन

सुरेन्द्र दुबे राजकपूर की एक बड़ी चर्चित फिल्म थी-‘जिस देश में गंगा बहती है’। उसका एक बड़ा चर्चित गाना था- ‘आ अब लौट चले, तुझको पुकारे देश तेरा’। अब सोचेंगे देश को कोई कुर्बानी की जरूरत पड़ गई है। इसलिए इस गाने की चर्चा हो रही है। देश को कुर्बानी …

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कांतिलाल पर नाथ की प्रतिष्ठा दांव पर!

कृष्णमोहन झा/ मध्यप्रदेश विधानसभा के झाबुआ निर्वाचन क्षेत्र के लिए इस माह होने वाले उप चुनाव हेतु सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी एवं विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी का प्रचार अभियान जोर-शोर से प्रारंभ हो गया है। कांग्रेस ने यहां पूर्व प्रदेशाध्यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया को प्रत्याशी बनाया है …

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रात के अँधेरे में एनकाउंटर क्यों ?

पुष्पेंद्र का एनकाउंटर और बैकफुट पर सरकार! राजेंद्र कुमार उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में 28 वर्षीय पुष्पेंद्र यादव की मौत को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार बैकफुट पर है। पुष्पेंद्र की 6 अक्टूबर को पुलिस की गोली से मौत हो गई थी। पुलिस मुठभेड़ (एनकाउंटर) में मारे गए इस युवक …

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दावा भारतीय संस्कृति का फिर मायावी युद्ध कला से प्रेम क्यों ?

केपी सिंह   युद्ध जीतने के लिए लड़े जाते हैं इसलिए कहा गया है कि युद्ध और प्रेम में सब कुछ जायज है। लेकिन भारतीय संस्कृति में युद्ध में मायावी घात-प्रतिघात को गर्हित सिद्ध किया गया है। पौराणिक कथाओं में और रामचरित मानस में राक्षसों को मायावी युद्ध कला का विशेषज्ञ …

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इधर विजयी मुस्कान और उधर दुनिया भर में बेकदर होता पाकिस्तान!   

कृष्णमोहन झा  पाकिस्तान में सेना की मदद से प्रधानमंत्री बने इमरान खान को इस कड़वी हकीकत का एहसास काफी देर से हुआ है कि कश्मीर के मुद्दे का अंतरराष्ट्रीय करण करने की उसकी हर कोशिश बेमानी साबित होगी। वैसे तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की कुर्सी पर काबिज होते ही …

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व्हाट्सअप पर तीर चलने से नहीं मरते रावण

राजीव ओझा विजय दशमी बीत गई लेकिन रावण तो मारा नहीं। दशहरे के दिन कल ही तो रावण दहन हुआ था। बुराई के प्रतीक रावण और अच्छाई के प्रतीक राम के बीच हर गली, हर शहर और कसबे-गाँव में युद्ध हुआ था। इसमें रावण मारा गया लेकिन आज कुछ भी …

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मुंगेरीलाल फिर देखेंगे हसीन सपने

सुरेंद्र दुबे हमारे देश में वर्ष 2014 के चुनाव के समय से मुंगेरीलालों ने हसीन सपने देखने शुरू कर दिए थे। तमाम सपने थे जिनको दिखाने वाले खुद ही भूल गए हैं तो भला हम उन सपनो को क्‍यों याद रखें। लेकिन एक सपना तो हर एक को याद है …

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आखरी उम्मीद पर आरे

शबाहत हुसैन विजेता मुम्बई की आरे कालोनी में जिस तरह से इंसानी ज़िन्दगी की आखरी उम्मीद पर आरे चलाये गए वो न सिर्फ शर्मनाक है बल्कि ऐसा फैसला करने वाले को सज़ा मिलनी चाहिए। पेड़ काटने का जो रिकॉर्ड मुम्बई में बना है, उतना बड़ा रिकॉर्ड न देश में कभी …

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राज्यों के चुनाव में ‘आंसू’ निकलवा सकती है प्याज !

कृष्णमोहन झा देश के अंदर अधिकांश राज्यों में इस समय प्याज की कीमतें आम आदमी की पहुंच के बाहर होती जा रही है। प्याज की कीमतों में आए इस उछाल ने केंद्र सरकार के साथ ही राज्य सरकारों को भी चिंता में डाल दिया है। सबसे ज्यादा चिंता में वे …

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