जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। क्या ये क्रिकेट एसोसिएशन का चुनाव है या फिर कोई लोकसभा उपचुनाव? क्रिकेट एसोसिएशन लखनऊ (CAL) के 26 जुलाई को होने वाले चुनाव को लेकर चुनावी पिच पूरी तरह से गरमा चुकी है। शहर की गलियों में बेशक बॉल नहीं घुम रही हो, लेकिन सोशल मीडिया पर ‘बल्ला’ खूब चल रहा है!
पुरानी कमेटी अपने “कामकाज” का ब्योरा लेकर फिर से पिच पर उतर चुकी है। उनका दावा है-“हमने किया है विकास, फिर चाहिए विश्वास”। लेकिन दूसरी ओर नई टीमों का जोश भी कम नहीं, उनका नारा है, “अब पुरानों की छुट्टी, मैदान हमारा है!
“CAL का यह चुनाव अब मैदान से निकलकर मोबाइल में घुस चुका है। कोई सुबह-सुबह ग्रुपों में मैसेज भेज रहा है, “मैं इस बार इस का पद का उम्मीदवार हूं, आशीर्वाद दें!”
कुछ लोग इस चुनाव में अपने चहेतों को जीताने के लिए वीडियो तक पोस्ट कर रहे हैं और व्हाट्सएप ग्रुपों पर संदेश भेजा रहा है।
इतना ही नहीं कैंडिडेट्स की स्पर्धा अब सिर्फ मैदान पर नहीं, बल्कि मोबाइल स्क्रीन और रील्स की दुनिया में भी ज़ोरों पर है।
पुराने धुरंधर गुपचुप मीटिंगों में जुटे हैं। क्लब प्रतिनिधियों को साधने के लिए दोपहर की चाय से लेकर रात के डिनर में चुनावी रणनीति तय की जा रही है।उधर युवा चेहरे “पारदर्शिता और बदलाव” की हुंकार भर रहे हैं। प्रचार-प्रसार में लोग बोल रहे है कि “मुझे वोट दीजिए, मैं लखनऊ के क्रिकेट को बदल दूंगा!
“सवाल वही क्या लखनऊ को मिलेगा क्रिकेट का असली सेवक या सिर्फ पद का भूखा कोई “पोलिंग पावर प्लेयर”?26 जुलाई को सिर्फ वोट नहीं डाले जाएंगे, बल्कि तय होगा कि लखनऊ का क्रिकेट आगे जुनून से चलेगा या जुगाड़ से !
प्रचार का ये नया अंदाज़ और भावनात्मक अपील बताती है कि CAL चुनाव अब सिर्फ पद की लड़ाई नहीं, बल्कि क्रिकेट के भविष्य की बड़ी परीक्षा बन चुकी है।
CAL का यह चुनाव सिर्फ पद का नहीं, बल्कि विजन और विश्वसनीयता की लड़ाई है। प्रचार के इस डिजिटल मैच में कौन आउट होगा और कौन हिट करेगा सिक्स इसका फैसला 26 जुलाई को बैलेट से होगा, लेकिन आज से ही सोशल मीडिया पर एक अलग ही मैच चालू है!