Tuesday - 9 January 2024 - 1:40 PM

AMU के 10 हजार छात्रों पर केस दर्ज, PFI पर लग सकता है बैन

न्‍यूज डेस्‍क

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ पूरे देश में जमकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है। 15 दिसंबर को एक्‍ट के विरोध में उत्‍तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम विश्‍वविद्यालय (AMU) में हिंसात्मक विरोध प्रदर्शन देखने को मिला था।  इस हिंसा के बाद AMU में छु‍ट्टी के ओदश जारी कर दिए गए थे, जिसके बाद लखनऊ समेत राज्‍य के अलग-अलगे हिस्‍सों में हिंसक प्रदर्शन हुए थे।

यूपी में हिंसात्‍मक प्रदर्शन के बाद योगी सरकार की काफी किरकिरी भी हुई थी और सीएम योगी ने बयान में कहा था कि उपद्रवियों के खिलाफ एक्‍शन लिया जाएगा और बदले के तौर पर हिंसा के दौरन हुए नुकसान की भरपाई भी की जाएगी।

मामले को लेकर यूपी पुलिस ने कार्रवाई करना शुरू भी कर दिया है। एक तरफ जहां पुलिस दंगाईयों की पहचान कर उनसे दंगे के दौरान हुए नुकसान को वसूल रही है। वहीं AMU में हुए हिसंक प्रदर्शन के बाद 10 हजार अज्ञात छात्रों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

दरअसल,15 दिसंबर को एएमयू में बड़ी संख्या में छात्रों ने प्रदर्शन किया था। देखते ही देखते ये प्रदर्शन हिंसक हो गया था। इस दौरान एएमयू गेट को भी कुछ शराराती तत्वों ने तोड़ डाला था। इसे लेकर यूपी पुलिस और AMU छात्र संघ के बीच आरोप-प्रत्यारोप भी लगा था। छात्र संघ ने कहा कि पुलिस ने ज्यादती की है।

प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए आंसू गैस छोड़ने पड़े थे। पुलिस का आरोप है कि प्रदर्शनकारियों की ओर से की गई पत्थरबाजी में कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।

दूसरी ओर यूपी पुलिस ने दावा किया है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई की भूमिका संदिग्ध है। पुलिस और सरकार ने दावा किया है कि प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के लोग पीएफआई नाम के संगठन में शामिल हुए और इन लोगों ने नियोजित तरीक़े से हिंसा करने के लिए लोगों को उकसाया।

आईजी रेंज लखनऊ एसके भगत ने बताया कि सिमी के बैन होने के बाद इस संगठन को खड़ा किया गया। लखनऊ में पीएफआई के 3 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। इनके पास से आपत्तिजनक वस्तुएं बरामद हुई हैं। इस मामले में अन्य तथ्यों की जांच की जा रही है। भगत ने कहा कि पीएफआई की उत्पत्ति के बाद रेडिक्लाइज़्ड लोग शामिल रहे हैं। सिमी पर बन्द होने के बाद सिमी में सक्रिय लोगों का पीएफआई में होने की बात सामने आ रही है।

वहीं, यूपी सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने भी माना कि सिमी की तरह ही पीएफआई की भूमिका सामने आ रही है। उन्होंने कहा कि हर एंगल से मामले की जांच की जा रही है। पीएफआई पर प्रतिबंध के सवाल पर श्रीकांत शर्मा ने सीधे-सीधे हां तो नहीं किया लेकिन इशारों में ये ज़रूर कहा कि जांच पूरी होने के बाद ज़रूरी कदम उठाए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि जो लोग पहले सिमी संगठन में थे, उन्होंने एक नया संगठन बनाया है। जांच में यह बात सामने आई है कि इन लोगों का हिंसा में हाथ है हम जांच कर कार्यवाही करेंगे। बता दें कि उत्‍तर प्रदेश में हुए हिंसा के पीछे पीएफआई का हाथ बताया जा रहा है। पुलिस ने पीएफआई के 16 लोगों को गिरफ्तार भी किया है।

 

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