जुबिली न्यूज़ डेस्क
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से किये गये एक फैसले को लेकर अब प्रदेश में सियासत बढ़ने लगी है। विपक्षी दल भी प्रदेश सरकार से अपने पक्ष में भी इस फैसले को करने की बात कर रहे हैं।
दरअसल मामला ये है कि मुजफ्फरनगर दंगों को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने एक अहम फैसला किया है। सरकारी वकील ने कोर्ट में अर्जी देकर ये अपील की है कि बीजेपी विधायकों सुरेश राणा, संगीत सोम और कपिलदेव अग्रवाल के खिलाफ केस वापस लिया जाए।
इस फैसले के बाद अब यूपी में सियासी परा बढ़ता दिखाई दे रहा है । इसके बाद अब बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) प्रमुख ने दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग की है।

बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने ट्वीट कर कहा कि, ‘यूपी में बीजेपी के लोगों के ऊपर ‘राजनैतिक द्वेष’ की भावना से दर्ज मुकदमे वापिस होने के साथ ही, सभी विपक्षी पार्टियो के लोगों पर भी इस तरह के दर्ज मुकदमे भी जरूर वापिस होने चाहिए। बीएसपी की यह मांग है।
यू.पी. में बीजेपी के लोगों के ऊपर ’’राजनैतिक द्वेष’’ की भावना से दर्ज मुकदमे वापिस होने के साथ ही, सभी विपक्षी पार्टियो के लोगों पर भी ऐसे दर्ज मुकदमे भी जरूर वापिस होने चाहिए। बी.एस.पी की यह माँग।
— Mayawati (@Mayawati) December 25, 2020
ये है मामला
दरसल 7 सितंबर 2013 में नंगला मंदौड़ में एक महापंचायत बैठाई गयी थी। उस समय प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी। यह महापंचायत मुजफ्फरनगर में सचिन और गौरव की हत्या के बाद बुलाई गई थी। ऐसे आरोप हैं कि इस महापंचायत के बाद मुजफ्फरनगर में दंगे भड़क गये। इन दंगों में क़रीब 65 लोगों की मौत हुई थी और 40 हज़ार के ज़्यादा लोग दंगों के कारण विस्थापित हुए थे।
इस मामले में कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा, विधायक संगीत सोम और कपिलदेव अग्रवाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। इन नेताओं पर भड़काऊ भाषण, धारा 144 का उल्लंघन, आगजनी, तोड़फोड़ के तहत धाराएं लगाई गई थी। इसी को लेकर अब सरकारी वकील राजीव शर्मा ने मुजफ्फरनगर की एडीजे कोर्ट में मुकदमा वापस लेने के लिए अर्जी दायर की हैं।
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