जुबिली न्यूज डेस्क
आगरा, देश के सबसे प्रतिष्ठित पर्यटन स्थलों में शामिल ताजमहल की नगरी आगरा इन दिनों मेट्रो रेल परियोजना को लेकर सुर्खियों में है। जहां एक ओर मेट्रो प्रोजेक्ट को शहर के विकास का प्रतीक माना जा रहा है, वहीं दूसरी ओर इस पर पर्यावरणीय नुकसान को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
बीजेपी के राज्यसभा सांसद और आगरा के पूर्व महापौर नवीन जैन ने मेट्रो परियोजना से जुड़े अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया है कि करीब 25,000 पेड़ों को बिना वैध अनुमति के काट दिया गया है। उन्होंने इस मुद्दे पर कड़ा ऐतराज जताते हुए आगरा कमिश्नर को पत्र लिखकर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
सांसद का आरोप: बिना अनुमति हुआ पेड़ों का कटान
नवीन जैन ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनके 2017 से 2022 तक के महापौर कार्यकाल में नगर निगम और सामाजिक संगठनों के सहयोग से शहर में बड़े पैमाने पर पौधारोपण अभियान चलाया गया था। यह अभियान खास तौर पर टीटीजेड (ताज ट्रेपेजियम जोन) में केंद्रित था – जो एक विशेष रूप से संरक्षित क्षेत्र है।
उन्होंने कहा, “मेट्रो रेल परियोजना के तहत हजारों पेड़ काटे गए हैं, जिनकी कोई अनुमति नहीं ली गई। यह न सिर्फ कानूनी अपराध है बल्कि पर्यावरण के खिलाफ एक बड़ा अन्याय भी है।”
उनका कहना है कि ताजमहल का शहर अपनी हरियाली, सुंदरता और पर्यावरण संतुलन के लिए जाना जाता है, और इस तरह अंधाधुंध पेड़ों की कटाई आगरा की आत्मा को नुकसान पहुंचा रही है।
कमिश्नर को लिखा पत्र
नवीन जैन ने कमिश्नर को लिखे पत्र में स्पष्ट किया है कि, “जनता को यह जानने का अधिकार है कि पेड़ों को काटने की अनुमति किसने और किन शर्तों पर दी थी। अगर अनुमति नहीं ली गई, तो फिर इतने बड़े स्तर पर पेड़ कैसे काट दिए गए?” उन्होंने इस मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
‘सभी गाइडलाइंस का पालन किया गया’
इस मामले पर आगरा मेट्रो रेल परियोजना के अधिकारियों ने सफाई दी है। उनका कहना है कि पेड़ों को हटाने से पहले सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस का पालन किया गया और जरूरी मंज़ूरी प्राप्त की गई थी।
मेट्रो अधिकारियों ने दावा किया कि पर्यावरण संरक्षण के लिए वैकल्पिक उपाय भी किए जा रहे हैं और कटे हुए पेड़ों के बदले पौधारोपण की योजना भी चल रही है। परियोजना के लिए सिर्फ वही पेड़ हटाए गए हैं जो अनिवार्य रूप से आवश्यक थे।
क्या है टीटीजेड
टीटीजेड एक त्रिकोणीय क्षेत्र है जो ताजमहल जैसे धरोहर स्थलों की पर्यावरणीय सुरक्षा के लिए बनाया गया था। इस क्षेत्र में प्रदूषण फैलाने वाले किसी भी कार्य या अंधाधुंध पेड़ कटान पर कड़े प्रतिबंध हैं।
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मेट्रो रेल परियोजना जहां एक ओर आगरा की विकास गाथा को आगे ले जा रही है, वहीं पेड़ों की कटाई को लेकर उठे सवालों ने इस प्रोजेक्ट को विवादों के घेरे में ला दिया है। सांसद नवीन जैन द्वारा उठाया गया यह मुद्दा अब पर्यावरण प्रेमियों और प्रशासन के बीच एक नई बहस को जन्म दे रहा है—क्या विकास की कीमत हरियाली से चुकाई जानी चाहिए?