जुबिली न्यूज डेस्क
कटिहार – बिहार के कटिहार जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने पूरे शहर को हैरत में डाल दिया है। कटिहार सदर अस्पताल से कथित रूप से देह व्यापार (Sex Racket) संचालित किया जा रहा था। इस पूरे रैकेट का खुलासा अस्पताल के एक सतर्क सुरक्षा गार्ड की बदौलत हुआ, जिसने दो महिलाओं को रंगे हाथ पकड़ लिया।
सुरक्षा गार्ड ने पकड़ा, मचा हड़कंप
सूचना मिलने के बाद अस्पताल के सुरक्षा गार्ड नवीन कुमार सिंह ने सतर्कता दिखाते हुए रात के अंधेरे में दो महिलाओं को आपत्तिजनक हालत में पकड़ लिया। जैसे ही यह बात फैली, पूरे अस्पताल परिसर और शहर में सनसनी फैल गई।
गार्ड ने बताया कि उन्हें पहले से शक था कि अस्पताल की आड़ में कुछ महिलाएं रात के समय अवैध गतिविधियों में लिप्त हैं। गुप्त सूचना के आधार पर जब उन्होंने निगरानी बढ़ाई तो सच्चाई सामने आ गई।
महिलाओं ने किया कबूलनामा
पुलिस हिरासत में ली गई दोनों महिलाओं ने पूछताछ में खुलासा किया कि वे शहर के विभिन्न हिस्सों में घूम-घूमकर देह व्यापार करती हैं। उनमें से एक महिला खुद अस्पताल की कर्मचारी बताई जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने अस्पताल परिसर को सुरक्षित ठिकाना समझकर इसे ही अपना केंद्र बना लिया था। वे यहीं से रुकती थीं और फिर रात में ग्राहकों के पास जाती थीं।
महिलाओं ने स्वीकार किया कि वे एक रात में तीन से चार ग्राहकों तक जाती हैं और 500 रुपये से लेकर 2000 रुपये तक कमाती हैं।
पुलिस की जांच में जुटी, कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध
नगर थाना पुलिस ने दोनों महिलाओं को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। इस बात की भी जांच की जा रही है कि क्या अस्पताल के कुछ कर्मचारी इस नेटवर्क में शामिल हैं या उनकी मिलीभगत से ही यह सब चल रहा था। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या अस्पताल परिसर में ही ग्राहक उपलब्ध कराए जाते थे या बाहर से लाए जाते थे।
क्या बोले अधिकारी?
फिलहाल मामले में स्वास्थ्य विभाग या जिला प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। लेकिन स्थानीय लोगों के बीच इस घटना को लेकर आक्रोश है कि एक ऐसा संस्थान जो जीवन बचाने का केंद्र है, वह ऐसी अवैध गतिविधियों का अड्डा कैसे बन गया।
जनता में आक्रोश, प्रशासन से जवाब की मांग
इस घटना ने अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक निगरानी पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि समय रहते इस तरह की गतिविधियों पर निगरानी रखी जाती, तो अस्पताल की गरिमा को इस तरह चोट नहीं पहुंचती।
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कटिहार के इस मामले ने यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि सरकारी संस्थानों की सुरक्षा और नैतिक निगरानी कितनी जरूरी है। अब देखना होगा कि पुलिस जांच में और कौन-कौन से चेहरे बेनकाब होते हैं और इस रैकेट का पूरा जाल किस हद तक फैला है।