जुबिली न्यूज़ डेस्क
बिहार में अब सरकारी कर्मचारियों को संपत्ति खरीदनी है तो उसे सरकार को जानकारी देनी होगी। दरअसल बिहार सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को अपनी संपत्ति का ब्योरा देने में चार महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में बताना हर हाल में जरुरी कर दिया है। इससे संबंधित सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से दिशा निर्देश भी जारी कर दिया गया है। हालांकि इस आदेश से चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों को बाहर रखा गया है।
जारी किये गये निर्देश के अनुसार इन दिशा निर्देशों का पालन करना प्रथम से लेकर तृतीय वर्ग के कर्मचारियों के लिए जरुरी किया गया है। दरअसल अभी तक पदाधिकारियों द्वारा जो संपत्ति का विवरण दिया जाता रहा है उसमें ये बात सामने आई है कि वे आधी अधूरी जानकारी देते हैं जिसकी वजह से उनकी सपत्ति की वास्विक जानकारी सामने नहीं आ पाती है। इसी वजह से सामान्य प्रशासन विभाग ने इसके लिए कई बातों का पालन करना अनिवार्य बना दिया है।
प्रशासन विभाग की तरफ से जिन बातों का पालन करना करना अनिवार्य बताया गया है उनमें संपत्ति का ब्योरा जारी करने वाले पदाधिकारियों को अपनी या अर्जित या विरासत या फिर परिवार के किसी सदस्य के नाम से जारी संपत्ति के बारे में बताना होगा। साथ ही किसी अन्य व्यक्ति के नाम पट्टे या बंधक पर उसके द्वारा ली गई जमीन जायदाद के बारे में भी स्पष्ट जानकारी देनी होगी।
इसके अलावा परिवार के किसी सदस्य द्वारा अपने नाम पर लिए गए शेयर डिबेंचर, निक्षेप पत्र सहित बैंक में निवेश के बारे में पूरी जानकारी देनी होगी। यही नहीं अगर इन कर्मचारियों पर अगर किसी भी तरह का कर्ज है चाहे वह प्रत्यक्ष कर हो या अप्रत्यक्ष कर तो भी उसके बारे में स्पष्ट रूप से जानकारी देनी होगी।

संपत्ति की जानकारी देते समय कर्मचारियों को कुछ अहम बातों का ध्यान रखना होगा। इसमें कर्मचारियों को 30 हज़ार से कम से कम मूल्य की चल संपत्ति को जोड़कर एक साथ दिखाना होगा। इसमें कपड़े से लेकर उनके बर्तन, पुस्तक सहित दैनिक इस्तेमाल की वस्तुओं का पैसा शामिल करना जरुरी नहीं होगा।
वहीं सभी सरकारी सेवकों को अपने कार्यकाल की शुरुआत से लेकर मौजूदा समय के दौरान तक अर्जित सभी संपत्ति का ब्यौरा भी देना होगा। इसके साथ ही इस निर्देश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि कोई भी कर्मचारी सरकार को जानकारी दिए बगैर किसी अचल संपत्ति की खरीदारी नहीं कर सकेगा।
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