जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों के ऐलान के साथ ही राज्य की सियासत गरमा गई है। चुनाव आयोग द्वारा दो चरणों में वोटिंग (6 और 11 नवंबर) की घोषणा के बाद जन सुराज अभियान के संस्थापक प्रशांत किशोर ने नीतीश सरकार और दोनों प्रमुख गठबंधनों पर तीखा हमला बोला है।
प्रशांत किशोर ने कहा कि इस बार का चुनाव ‘जनता बनाम सरकार’ का होगा, और यह मुकाबला पारंपरिक सत्ता समीकरणों को हिला देगा। उन्होंने दावा किया कि बिहार की जनता बदलाव के मूड में है, और “निकम्मी सरकार” की विदाई तय है।

“अबकी बार तीन नहीं, जनता चौथा मोर्चा बनाएगी”
किशोर ने कहा कि बिहार का चुनाव अब त्रिकोणीय नहीं बल्कि “जनता केंद्रित” हो चुका है। उनके मुताबिक, एनडीए और महागठबंधन की राजनीति पुरानी हो चुकी है और जन सुराज एक नए विकल्प के रूप में उभर रहा है।
उन्होंने कहा, “हम पर वोटकटवा का ठप्पा लगाने वाले भूल रहे हैं कि यही वोटकटवा अब सत्ता का संतुलन बिगाड़ देगा। हम न किसी के सहारे आए हैं, न किसी के इशारे पर चलेंगे।”
“दो चरणों में चुनाव, डर किसका?”
चुनाव आयोग के दो चरणों में मतदान के फैसले पर उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से सत्तारूढ़ गठबंधन को निशाने पर लेते हुए कहा कि “जब हार सामने दिखती है, तो रणनीतियां बदल दी जाती हैं। दो चरणों में चुनाव उसी डर की निशानी है।”
“नीतीश कुमार का अंतिम दही-चूड़ा भोज”
अपने चिर-परिचित अंदाज में प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा, “अबकी बार देख लीजिए, अगला दही-चूड़ा भोज एक अणे मार्ग पर नहीं होगा।”
यह बयान उनके आत्मविश्वास को दिखाता है कि वह इस चुनाव को नीतीश युग के अंत की शुरुआत मान रहे हैं।
“जन सुराज बनेगा निर्णायक ताकत”
किशोर ने कहा कि जन सुराज न केवल दोनों गठबंधनों का वोटबैंक तोड़ेगा बल्कि ग्रामीण इलाकों में ‘मुद्दों पर आधारित राजनीति’ को फिर से स्थापित करेगा। उन्होंने संकेत दिए कि आने वाले हफ्तों में जन सुराज उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की जाएगी।
बिहार की सियासी जंग अब दो गठबंधनों की नहीं रही। प्रशांत किशोर ने जन सुराज को एक “जन आंदोलन” के रूप में पेश करते हुए साफ कर दिया है कि 2025 का चुनाव नारे और जाति समीकरण से ऊपर उठकर जनता की नाराज़गी का इम्तिहान होगा।
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