बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सियासी संग्राम तेज हो गया है। इसी बीच बीजेपी ने जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर पर बड़ा हमला बोला है। बीजेपी के राज्य मीडिया प्रभारी दानिश इकबाल ने आरोप लगाया कि किशोर महागठबंधन की परोक्ष रूप से मदद कर रहे हैं और उनकी पार्टी “धोखाधड़ी पर आधारित राजनीतिक स्टार्टअप” है। उन्होंने यह भी दावा किया कि प्रशांत किशोर दर्जनों शेल कंपनियों के जरिए सैकड़ों करोड़ रुपये जुटा रहे हैं।
जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। एक ओर सभी दल अपने-अपने पाले को मजबूत करने में जुटे हैं, तो वहीं आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है।
बीजेपी का निशाना
बीजेपी की बिहार इकाई ने शनिवार को प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी को “धोखाधड़ी पर आधारित राजनीतिक स्टार्टअप” करार दिया। पार्टी के राज्य मीडिया प्रभारी दानिश इकबाल ने आरोप लगाया कि किशोर ने शेल कंपनियों के जरिए सैकड़ों करोड़ रुपये जुटाए हैं और परोक्ष रूप से महागठबंधन की मदद कर रहे हैं।
इकबाल ने दावा
प्रशांत किशोर को 370 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम सिर्फ पश्चिम बंगाल से मिली है, जहां वे 2021 में टीएमसी के लिए काम कर चुके हैं।इसके अलावा उन्हें तेलंगाना, तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे राज्यों से भी भारी फंड मिल रहा है।जन सुराज पार्टी ने विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक प्रत्याशियों से 50 करोड़ रुपये से अधिक वसूले हैं।
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बीजेपी का कहना है कि किशोर बिहार में “जंगलराज की वापसी का रास्ता तैयार कर रहे हैं” और चुनाव में जनता उन्हें जवाब देगी।
PK का पलटवार
वहीं, जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को बिहार के डिप्टी सीएम और वरिष्ठ बीजेपी नेता सम्राट चौधरी की शैक्षणिक योग्यता पर सवाल खड़ा किया।
किशोर का आरोप है कि सम्राट चौधरी ने अमेरिका की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से डी-लिट (D-Litt) की डिग्री लेने का दावा किया है, लेकिन उन्होंने 10वीं की परीक्षा तक पास नहीं की। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि चौधरी 1998 में एक हत्या के मामले में आरोपी रह चुके हैं, हालांकि नाबालिग होने के कारण रिहा कर दिए गए थे।