जुबिली स्पेशल डेस्क
जयपुर। बीते कुछ दिनों से राजस्थान में राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदला है। जब से ये पता चला है कि राजस्थान में गहलोत की जगह किसी और को सीएम बनाया जायेगा तब से वहां पर उठापटक देखने को मिली।
दरअसल मामला इतना ज्यादा आगे बढ़ गया था कि सोनिया गांधी भी अशोक गहलोत से नाराज हो गई थी। इसके बाद गुरुवार को सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद अशोक गहलोत ने पूरी तरह से सरेंडर करते नजर आए है। उन्होंने मीटिंग के बाद कहा कि मैंने सोनिया जी से राजस्थान की घटना को लेकर माफी मांग ली है।

अशोक गहलोत ने कहा, ‘कांग्रेस में मुझे बीते 50 सालों से सम्मान मिलता रहा है। हमेशा मुझ पर विश्वास करके जिम्मेदारी दी गई। इंदिरा गांधी, राजीव गांधी से लेकर आज तक मुझ पर भरोसा रखा गया। कांग्रेस महासचिव से लेकर तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने तक का सफर हाईकमान के आशीर्वाद से ही रहा है।’ इसके अलावा उन्होंने कहा कि अब जो हालात बने हैं, उसमें मैं कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ूंगा।
अशोक गहलोत ने कहा कि रविवार को जो घटना हुई थी, उसने मुझे हिलाकर रख दिया है। इससे यह संदेश गया कि जैसे मुख्यमंत्री बना रहना चाहता हूं। इसे लेकर मैंने सोनिया गांधी जी से माफी मांगी है।
हमारे यहां एक लाइन का प्रस्ताव पारित करने का तो प्रस्ताव रहा ही है। दुर्भाग्य की बात रही कि वह प्रस्ताव पारित नहीं हो पाया। मैं उसे पारित नहीं करा पाया तो सीएम रहने के चलते मैं अपनी गलती मानता हूं। राजस्थान के सीएम ने कहा कि पूरे देश में मुझे लेकर गलत माहौल बनाया गया। इतना ही नहीं कहा कि जो हुआ है, उस हालात में मैने तय किया है कि अब कांग्रेस अध्यक्ष का इलेक्शन नहीं लड़ूंगा।
बता दे कि लोकसभा चुनाव 2024 में भले ही अभी थोड़ा वक्त हो लेकिन सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारी में अभी से जुट गए है। विपक्ष एक तरफ अपनी रणनीति बना रहा है तो दूसरी ओर बीजेपी एक बार फिर मोदी के सहारे मैदान जीतने का सपना देख रही है लेकिन देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस इस वक्त सबसे बुरे दौर से गुजर रही है।
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