न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश में सभी राजनीतिक दल 2022 विधानसभा चुनाव की तैयारियों में लगे हैं। इस क्रम में भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर ने कहा है कि 15 मार्च को वह राजनीतिक पार्टी का ऐलान करेंगे। इसकी घोषणा कहां करेंगे इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी। उन्होंने कहा कि यूपी में 2022 के चुनाव भी लड़ने की तैयारियां चल रही हैं।
सबसे खास बात ये रही कि भीम आर्मी के प्रमुख की मौजूदगी में लखनऊ बसपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रामलखन चौरसिया, इजहारुक हक और अशोक कुमार चौधरी ने भीम आर्मी की सदस्यता ग्रहण की। इस मौके पर भीम आर्मी के प्रमुख ने कहा कि वह संगठन को मजबूत करने में जुटे हुए हैं। बसपा के कई और नेता उनसे संपर्क में हैं। इसमें खासकर पश्चिमी यूपी के कई नेता हैं।
गौरतलब है कि हाल के कुछ सालों में पश्चिमी यूपी में दलित आंदोलन से पैदा हुई भीम आर्मी के चुनावी समर में उतरने के ऐलान से बसपा की अध्यक्ष मायावती के माथे पर चिंता की लकीरें आ सकती हैं। क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि चंद्रशेखर के कद के बढ़ने से सीधे-सीधे मायावती के वोट बैंक पर असर पड़ेगा।

भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर सक्रिय राजनीति में आने को तैयार हैं। इतना ही नहीं राजधानी लखनऊ में उनकी पार्टी का ऑफिस भी बनेगा। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि चंद्रशेखर के इस ऐलान से बहुजन समाज पार्टी की मुश्किलें और बढ़नी तय हैं। मायावती ट्विटर और प्रेसवार्ता तक ही सीमित हैं, लेकिन चंद्रशेखर सड़कों पर उतरकर दलितों के मुद्दों को उठा रहे हैं। एससी-एसटी एक्ट का विरोध करना हो या फिर दिल्ली के तुगलकाबाद इलाके में संत रविदास की पुराने मंदिर को ध्वस्त करने का मामला, वह दलितों की आवाज बनने की कोशिश में हैं।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चंद्रशेखर ने जिस तरह से दिल्ली में दलितों के विराट प्रदर्शन का नेतृत्व किया, बसपा खेमे की बेचैनी बढ़ना स्वाभाविक है। इसे मायावती ने भी समझा और आनन-फानन में दलितों के प्रदर्शन को बाबा साहेब के उसूलों के खिलाफ बताकर प्रदर्शन का विरोध किया। हाल ही में बसपा की बैठक में मायावती ने स्पष्ट संकेत दिये थे कि भीम आर्मी से नजदीकी रखने वाले नेताओं की पार्टी से छुट्टी कर दी जाएगी।

बताते चले कि चंद्रशेखर रविवार को लखनऊ आए और वह घंटाघर पर सीएए के विरोध में चल रहे आंदोलन में शामिल होना चाहते थे। इसके साथ ही वह लखनऊ के जिलाध्यक्ष अंकित धानुक के घर भी जाना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें जाने से रोक दिया। उन्होंने कहा कि वह एससी, एसटी वर्ग के उत्थान के लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि देशभर में सीएए व एनआरसी के खिलाफ होने वाले आंदोलन में भीम आर्मी अहम भूमिका निभाएगी।
उन्होंने कहा कि पूरे देश में सीएए व एनआरीस के विरोध में चल रहे आंदोलन में भीम आर्मी अहम भूमिका निभाएगी। एडीसीपी चिरंजीव नाथ सिन्हा ने बताया कि भीम आर्मी के प्रमुख को हिरासत में नहीं लिया गया है। उनके वीआईपी गेस्ट हाउस में होने की सूचना पर पुलिस वहां गई थी। एडीसीपी से चंद्रशेखर ने कहा कि वह अपनी पार्टी के संबंध में आए हैं। इसके अलावा उन्हें एक व्यक्तिगत कार्यक्रम में जाना है।
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