जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव में बेहद कम दिन रह गए है। ऐसे में राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारी के साथ-साथ प्रत्याशियों की सूची का खुलासा भी धीरे-धीरे शुरू कर दिया है।
उधर जैसे-जैसे चुनाव करीब आ रहा है वैसे-वैसे आजम खान की बेचैनी भी बढ़ती जा रही है और जेल से बाहर आने के लिए अब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया था लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने आज़म खान को जोरदार झटका दिया है। समाजवादी पार्टी नेता आजम खान को सुप्रीम कोर्ट ने चुनावों के लिए अंतरिम जमानत देने से मना कर दिया है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा है कि वो मामले की सुनवाई करने के इच्छुक नहीं हैं, आजम खां हाईकोर्ट जाकर जल्द सुनवाई की मांग कर सकते हैं।
आजम खान चाहते हैं कि चुनाव में हिस्सा लेने के लिए कोर्ट से उनको राहत मिले लेकिन फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने अपना रूख साफ कर दिया है और जमानत से इनकार कर दिया है।

आजम खां पिछले काफी समय से उत्तर प्रदेश की सीतापुर जेल में बंद हैं। उनके खिलाफ ज्यादातर मामले रामपुर में ही दर्ज हैं। कई मामलों में उनकी पत्नी तन्जीन फातिमा और उनके बेटे अब्दुल्ला को भी आरोपित बनाया गया है।
उत्तर प्रदेश सरकार की यही कोशिश है कि विधानसभा चुनाव के दौरान आजम खां जेल से बाहर नहीं निकल पायें। आजम खां अगर चुनाव के दौरान जेल में रहते हैं तो इसका सबसे ज्यादा नुकसान समाजवादी पार्टी को ही होगा। आजम खां कि मुसलमानों में काफी पैठ है। उनके जेल में रहने से मुसलमानों को समाजवादी पार्टी से दूर करना आसान हो जाएगा।
बता दे कि समाजवादी पार्टी के सांसद आज़म खान जेल से ही रामपुर शहर से चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं जबकि रामपुर की स्वार सीट से उनके बेटे अब्दुल्ला आज़म मैदान में उतरेंगे।
भारतीय जनता पार्टी ने रामपुर शहर सीट से उन आकाश सक्सेना को मैदान में उतारा है जिनके द्वारा दायर मुकदमों की वजह से समाजवादी पार्टी का यह कद्दावर नेता जेल में है।
सीतापुर जेल से रिहा होकर रामपुर पहुंचे आज़म खान के पुत्र अब्दुल्ला आज़म ने योगी आदित्यनाथ की सरकार पर आरोप लगाया था कि उन्हें और उनके पिता को सरकार जान से मारना चाहती है. उन्होंने कहा कि उन पर और उनके पिता पर सरकार के निर्देश पर खूब ज़ुल्म किये गए।
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