न्यूज डेस्क
अयोध्या फैसले के मद्देनजर गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित राज्यों को एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी में प्रदेशों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है।
साथ ही चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने यूपी के डीजीपी ओपी सिंह और मुख्य सचिव को तलब किया है। जन गोगोई दोनों अफसरों से आज दिन में मिलेंगे। माना जा रहा है कि अयोध्या पर संभावित फैसले से पहले की तैयारियों को लेकर यह मुलाकात हो सकती है।
बता दें कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ अयोध्या मामले पर फैसला सुनाने वाली है। इसलिए ये एडवाइजरी जारी कर सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
अयोध्या विवाद पर फैसले को लेकर योगी सरकार से लेकर पूरा प्रशासनिक अमला हाई अलर्ट पर आ चुका है। इस कड़ी सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलों के जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों साथ सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की।
इसके साथ ही सभी दलों के नेताओं ने शांति रखने की अपील की है। इसके साथ ही अर्धसैनिक बल के 4,000 जवानों को एहतियातन उत्तर प्रदेश भेजा गया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को सभी राज्यों को भेजे सामान्य परामर्श में कहा है कि वे किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति न बनने दें। सुरक्षा-व्यवस्था बनाने में यूपी सरकार की मदद के लिए 40 कंपनी अतिरिक्त अर्धसैनिक बल भेजे गए हैं।

गृह मंत्रालय ने योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली उत्तर प्रदेश सरकार को अयोध्या में सभी सुरक्षा तैयारियों को सुनिश्चित करने के लिए आगाह किया है। अयोध्या को सुरक्षा तैयारियों के साथ किसी भी अप्रिय घटना को विफल करने के लिए एक किले की तरह बदल दिया जाएगा।
प्रदेश के सभी जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। इतना ही नहीं, अयोध्या को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस फोर्स तैनात है. इसके साथ ही जिला प्रसाशन लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की बात भी कह रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने नेताओं और मंत्रियों से अयोध्या विवाद पर बयानबाजी न करने की सलाह दी है।
ऐसी आशंका है कि असामाजिक तत्व लोगों की धार्मिक भावनाओं को भड़का सकते हैं। इसलिए परिपत्र में यूपी सरकार को राज्य में अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्रों पर नजर रखने और विशिष्ट स्थानों पर पुलिस बल तैनात करने के निर्देश भी दिए हैं।
फैसले को लेकर अयोध्या में भी सुरक्षा एजेंसियां और प्रशासन मुस्तैद हो गया है। बृहस्पतिवार को अतिसंवेदनशील विवादित परिसर के पीछे मिश्रित आबादी वाले मोहल्लों की सड़कें-गलियां बल्लियों से सील कर दी गईं।
अयोध्या पर फैसले से पहले अंबेडकर नगर के अलग-अलग कॉलेजों में 8 अस्थाई जेल बनाई गई है। प्रशासन ने ऐसा फैसला सुरक्षा के मद्देनजर लिया है। अयोध्या में पहले से हाई अलर्ट है और जगह-जगह जवानों की तैनाती की गई है। प्रशासन हर परिस्थिति से निपटने के लिए सुरक्षात्मक मोड में हैं। संवेदनशील मामला होने की वजह से एहतियातन ऐसा किया गया है।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने बरेली जोन में 6 हजार से ज्यादा ऐसे लोगों को चिन्हित किया है जो फैसले के बाद उपद्रव कर सकते हैं। ऐसे शरारती तत्वों को रेड कार्ड जारी किया गया है, यानी उन पर पुलिस की सख्त नजर रहेगी। बरेली जोन के शहर शाहजहापुर, बदायूं, पीलीभीत, रामपुर, मुरादाबाद, संभल, अमरोहा और बिजनौर में 4 हजार से अधिक ऐसे लोग चिन्हित किए गए हैं, ये वो लोग हैं जो बवाल करवा सकते हैं. इसके अलावा 90 ऐसे स्थान चिन्हित किये गए है जो संवेदनशील हैं।
स्मृति उपवन में 25 नवंबर से होने वाला लखनऊ महोत्सव स्थगित कर दिया गया है। प्रशासन ने जनवरी के तीसरे सप्ताह में यूपी दिवस के साथ इसका आयोजन करने का दावा किया है। माना जा रहा है कि प्रशासन ने अयोध्या के फैसले के मद्देनजर तमाम खुफिया इनपुट को आधार बनाते हुए सुरक्षा कारणों से महोत्सव की तिथियों को आगे बढ़ाया है।
मंडलायुक्त मुकेश मेश्रम की अध्यक्षता में महोत्सव समिति की बैठक में महोत्सव को जनवरी में कराने का निर्णय लिया गया। वहीं देर रात डीएम अभिषेक प्रकाश ने बताया कि 24 जनवरी को यूपी दिवस के साथ ही महोत्सव कराने का निर्णय किया गया है।
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