Wednesday - 22 October 2025 - 7:33 PM

अयोध्या दीपोत्सव 2025: 26 लाख दीपों से जगमगाएगी रामनगरी, ड्रोन शो में दिखेगी श्रीराम की लीला

जुबिली न्यूज डेस्क 

अयोध्या: इस बार अयोध्या की धरती एक बार फिर दिव्यता और भव्यता के संगम से जगमगाने जा रही है। 19 अक्टूबर को होने वाला दीपोत्सव 2025 अब तक का सबसे भव्य और ऐतिहासिक आयोजन होने वाला है। सरयू तट से लेकर राम की पैड़ी तक पूरा अयोध्या नगर दीपों की रोशनी में नहाया नजर आएगा।

पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह बुधवार को अयोध्या पहुंचे और दीपोत्सव की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने सर्किट हाउस में जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर कहा — “दीपोत्सव केवल एक आयोजन नहीं बल्कि यह हमारी आस्था, संस्कृति और सभ्यता का उत्सव है। किसी भी स्तर पर कोई चूक नहीं होनी चाहिए।”

26 लाख दीपों से बनेगा नया वर्ल्ड रिकॉर्ड

मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि इस बार अयोध्या अपने ही बनाए रिकॉर्ड को तोड़ेगी। कुल 26 लाख दीप जलाकर सरयू तट और राम की पैड़ी को आलोकित किया जाएगा। यह नजारा केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए अद्भुत दृश्य होगा। इसके साथ ही, 2100 अर्चक एक साथ सरयू आरती करेंगे, जो भक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा से पूरा वातावरण भर देंगे। इस बार दीपोत्सव का हर क्षण रिकॉर्ड पुस्तकों में दर्ज होने लायक होगा।

ड्रोन शो में दिखेगी श्रीराम की लीलाएं

दीपोत्सव की भव्यता को और बढ़ाने के लिए 1100 ड्रोन का शो आयोजित किया जाएगा। ये ड्रोन प्रभु श्रीराम की लीलाओं को आकाश में सजीव रूप में प्रस्तुत करेंगे।आयोजन समिति के अनुसार, ड्रोन शो में रामायण के प्रमुख प्रसंगों — जैसे राम जन्म, वनवास, सीता हरण, लंका विजय और अयोध्या वापसी — को अद्भुत रोशनी के माध्यम से दिखाया जाएगा।

रामायण की झांकियां ले जाएंगी त्रेता युग में

दीपोत्सव के मौके पर रामायण के सातों कांडों पर आधारित 14 झांकियां निकाली जाएंगी। इनमें से सात झांकियां पर्यटन विभाग की होंगी और सात सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की ओर से तैयार की जाएंगी। ये झांकियां साकेत महाविद्यालय से निकलकर पूरे नगर का भ्रमण करेंगी। पूरे मार्ग पर पुष्प वर्षा की जाएगी, जिससे पूरा शहर भगवान राम की अयोध्या वापसी की याद में त्रेता युग की तरह सजा दिखाई देगा।

अयोध्या को विश्व स्तरीय नगरी बनाने की तैयारी

पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि सरकार का लक्ष्य केवल दीपोत्सव आयोजित करना नहीं है, बल्कि अयोध्या को एक विश्व स्तरीय धार्मिक नगरी के रूप में विकसित करना है। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि दुनिया के कोने-कोने से लोग अयोध्या आएं और यहां की आस्था, संस्कृति और सौंदर्य का अनुभव करें। दीपोत्सव इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”

राम मंदिर निर्माण के बाद बढ़ा धार्मिक पर्यटन

राम मंदिर निर्माण के बाद से अयोध्या की पहचान पूरी दुनिया में और मजबूत हुई है। हर दिन हजारों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। त्योहारों पर तो अयोध्या में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ता है। पर्यटन विभाग के अनुसार, दीपावली के अवसर पर देश-विदेश से लाखों लोग दीपोत्सव देखने आएंगे। होटल, धर्मशाला और गेस्ट हाउस पहले से ही बुक हैं।

दीपोत्सव बनेगा अयोध्या की पहचान

बीते कुछ वर्षों में अयोध्या का दीपोत्सव देश के सबसे लोकप्रिय सांस्कृतिक आयोजनों में शामिल हो चुका है। हर साल इस उत्सव में न केवल रिकॉर्ड संख्या में दीप जलाए जाते हैं, बल्कि यह आयोजन “स्पिरिचुअल टूरिज्म” (Spiritual Tourism) को भी नई ऊंचाई देता है।सरयू तट की आरती, झांकियां, ड्रोन शो और रामायण की झलकें अयोध्या को दिव्य नगरी बना देती हैं।

 आस्था, संस्कृति और गौरव का उत्सव

19 अक्टूबर को जब सरयू तट पर लाखों दीप जलेंगे, तब यह नजारा केवल रोशनी का नहीं, बल्कि भारत की आध्यात्मिक विरासत और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक होगा। अयोध्या दीपोत्सव 2025 सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि वह पल होगा जब विश्व को फिर से “रामराज्य” की झलक देखने को मिलेगी।

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