अंकित प्रकाश गर्मी से बदहाल लोग कपड़े उतारते जा रहे हैं और पुलिस कुछ नहीं कर पा रही है. कपड़े उतरने की घटनाओं के तरह तरह के मामले सामने आ रहे हैं. पिछले सप्ताहांत कुछ महिलाएं म्यूनिख की इसार नदी के किनारे बिना कपड़ों के ही धूप सेंकती हुई पायी …
Read More »Utkarsh Sinha
फिल्म आर्टिकल 15 देखने के बाद ……..
अभिषेक श्रीवास्तव अभी कल ही सफर के दौरान बनारस फ्लाइओवर हादसे पर ओमप्रकाश दीवाना का बिरहा सुनते हुए मन में खयाल आ रहा था कि पॉलिटिक्स को समझाने के लिए कल्चर का फॉर्म यानी सांस्कृतिक स्वरूप और उसे प्रसारित करने का माध्यम कितने ज़रूरी पहलू हैं। नब्बे साल तक कथित …
Read More »आखिर नरेंद्र मोदी पर क्यों हमलावर हो गए सुब्रमण्यम स्वामी !
उत्कर्ष सिन्हा भारतीय राजनीति के वन मैन आर्मी कहे जाने वाले सुब्रमण्यम स्वामी फिलहाल नरेंद्र मोदी से बुरी तरह ख़फ़ा नजर आ रहे हैं। स्वामी फिलहाल राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी के सांसद है , लेकिन स्वामी को समझने वाले ये भी जानते हैं कि स्वामी किसी के दबाव में कभी नहीं …
Read More »उलटबांसी : यूरेका यूरेका… मिल गया चुनाव आयोग का विकल्प
अभिषेक श्रीवास्तव होमियोपैथी का बुनियादी सिद्धांत है कि जहां मर्ज़ है, दवा भी वहीं है। भौतिकी में इसे कहते हैं कि किसी कार्य का कारण आउट ऑफ फ्रेम नहीं होता। समाज और दर्शन वाला कहेगा कि जवाब वहीं है जहां सवाल है। अगर ऐसा वाकई है, तो जवाब मिलता क्यों …
Read More »वित्त विभाग में प्रमोशन और तबादलों के इस खेल पर कब पड़ेगी योगी की निगाह
जुबली पोस्ट ब्यूरो सूबे के वित्त विभाग के अंतर्गत आने वाले उत्तर प्रदेश सहकारी समितियां एवं पंचायते लेखा परीक्षा विभाग के भीतर धांधली की अनंत श्रृंखला है। विभाग में अफसरो की मनमानियों का आलम ये है की शासनादेश और नियमावलियां यहां महज दिखावे की वस्तु रह गई हैं। बीते दिनों जुबिली …
Read More »अचानक मुसलमानों के हितैषी क्यों दिखने लगे हैं मोदी ?
उत्कर्ष सिन्हा सबसे पहले बीते कुछ दिनों की हेडलाइन्स 1 . ईद के दिन मोदी ने दिया मुस्लिम छात्रों को 5 करोड़ स्कालरशिप का तोहफ़ा 2 . नई संसद के पहले सत्र में आया तीन तलाक बिल 3 . मॉब लॉन्चिंग की घटना से प्रधानमंत्री दुःखी अब संसद में नरेंद्र मोदी के भाषण का यह अंश “आज …
Read More »हारे हुए लोग कहां जाएंगे ?
दिनेश श्रीनेत हारे हुए लोगों के लिए कौन दुनिया बसाएगा? उन पराजित योद्धाओं के लिए… तमाम शिकस्त खाए लोगों के लिए। प्रेम में टूटे हुए लोग। सारी जिंदगी को कहीं दांव लगाकर हारे हुए लोग। थके-हारे लोग। गुमनाम लोग। वो बूढ़े पिता जो अब अकेले रह गए हैं। वो कल्पनाओं …
Read More »वीर विहीन विपक्ष मैं जानी…
संदीप पांडेय बैठे बिठाए सत्ता उसी को मिली है जो किसी संघर्षरत शख्स का बेटा हो, वर्ना सत्ता के लिए तो लोगों को अपना पूरा जीवन खपाना पड़ जाता है। सत्ता की चौतरफा लड़ाई में सबसे मुख्य किरदार जन सरोकार के मुद्दे को सड़क पर उतारने का होता है। ये काम …
Read More »कबीर सिंह कैरेक्टर का वाईड एंगल ये भी है
शुभ्रा सुमन लड़की कॉलेज जाने के लिए घर से निकलती है.. सलवार कमीज़ पर दुपट्टा ओढ़े हुए शर्माती सकुचाती हुई गली में बढ़ती है.. सामने से आती हुई मोटरबाइक की आहट सुनकर चौकन्ना हो जाती है.. उसको मालूम है कि संकरी गली में बगल से गुज़रती हुई मोटर बाइक के …
Read More »उलटबांसी : लोकतंत्र का सांगोपांग ‘मोमेंट’
अभिषेक श्रीवास्तव ‘’लोकतंत्र में विपक्ष का होना, विपक्ष का सक्रिय होना, विपक्ष सामर्थ्यवान होना, ये लोकतंत्र की अनिवार्य शर्त है। और मैं आशा करता हूं कि प्रतिपक्ष के लोग नंबर की चिंता छोड़ दें। देश की जनता ने उनको जो नंबर दिया है, दिया है, लेकिन हमारे लिए उनका हर …
Read More »