जुबिली न्यूज डेस्क
सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को उस समय अफरातफरी मच गई जब एक वकील ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी.आर. गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की। हालांकि, सुरक्षा कर्मियों की सतर्कता से घटना टल गई।
बहस के दौरान अचानक हंगामा
घटना उस वक्त हुई जब एक केस की सुनवाई चल रही थी। वकील अचानक मंच की ओर बढ़ा और जूता निकालकर फेंकने की कोशिश की। अदालत में मौजूद सुरक्षा कर्मियों ने तुरंत उसे रोक लिया और कोर्ट से बाहर ले गए।
सुरक्षा सूत्रों के मुताबिक, वह व्यक्ति जोर-जोर से चिल्ला रहा था —“सनातन का अपमान नहीं सहेंगे!”CJI बी.आर. गवई ने पूरी घटना के दौरान शांत बने रहते हुए कहा,“हम इससे विचलित नहीं होते, आप लोग अपनी दलीलें जारी रखें।”
माना जा रहा है कि यह घटना खजुराहो में भगवान विष्णु की क्षतिग्रस्त मूर्ति से जुड़े एक पुराने मामले से जुड़ी है। कुछ दिन पहले इस केस की सुनवाई में CJI गवई ने एक टिप्पणी की थी, जो सोशल मीडिया पर विवाद का विषय बन गई थी।
दरअसल, भगवान विष्णु की सिर कटी मूर्ति को पुनर्स्थापित करने की याचिका पर सुनवाई करते हुए CJI गवई ने कहा था “जाओ और देवता से ही कुछ करने के लिए कहो। तुम कहते हो कि तुम भगवान विष्णु के भक्त हो, तो प्रार्थना करो। यह एक पुरातात्विक स्थल है, एएसआई की अनुमति जरूरी है।” इस बयान के बाद कई हिंदूवादी संगठनों ने विरोध जताया और सोशल मीडिया पर CJI के इस्तीफे की मांग तक कर डाली।
CJI ने दी सफाई
विवाद बढ़ने के बाद मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई ने बयान जारी कर कहा,“मेरी टिप्पणियों को सोशल मीडिया पर गलत तरीके से पेश किया गया है। मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं। किसी भी धर्म या आस्था के प्रति मेरा कोई अपमानजनक इरादा नहीं था।”
सुप्रीम कोर्ट में सुरक्षा बढ़ाई गई
हमले की कोशिश के बाद सुप्रीम कोर्ट परिसर में सुरक्षा को और सख्त कर दिया गया है। कोर्ट की सुरक्षा टीम ने पूरे परिसर की जांच और निगरानी बढ़ा दी है ताकि भविष्य में ऐसी कोई घटना दोबारा न हो।
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क्या कहा सुरक्षा अधिकारियों ने
सुरक्षा कर्मियों ने बताया कि आरोपी वकील को तुरंत हिरासत में ले लिया गया है।“वह कोर्ट में शोर मचा रहा था, हमने उसे तुरंत बाहर निकाल दिया,” — सुरक्षा अधिकारी।