जुबिली न्यूज डेस्क
बॉलीवुड में नेपोटिज्म (भाई-भतीजावाद) हमेशा चर्चा का विषय रहा है. स्टार किड्स को फिल्मों में आसानी से मौका मिलने को लेकर अक्सर बहस छिड़ जाती है. अब इस मुद्दे पर दिग्गज अभिनेता आशुतोष राणा ने अपनी राय रखी है.

“नेपोटिज्म सिर्फ बॉलीवुड तक सीमित नहीं” – आशुतोष राणा
Tv9 भारतवर्ष को दिए इंटरव्यू में आशुतोष राणा ने कहा,“नेपोटिज्म शब्द दुनिया के हर क्षेत्र में है. लेकिन दुर्भाग्य ये है कि लोग इसे सिर्फ सिनेमा तक सीमित रखते हैं. किसी व्यापारी ने कभी अपनी कमाई हुई कंपनी किसी और को देकर नहीं गया. डॉक्टर का बच्चा डॉक्टर, वकील का बच्चा वकील बनता है, वैसे ही एक्टर का बच्चा एक्टर बनेगा. उसे अवसर मिलेंगे, लेकिन सफलता उसके अपने गुणों पर निर्भर करती है।”
सफलता गुण पर निर्भर करती है
आशुतोष राणा का कहना है कि मौका देना और सफल होना दोनों अलग बातें हैं. अवसर तो परिवार या इंडस्ट्री की वजह से मिल सकता है, लेकिन लंबी पारी केवल टैलेंट और मेहनत से ही मिलती है.
फिल्मों में गाली-गलौज पर राणा का बयान
नेपोटिज्म के अलावा उन्होंने फिल्मों में इस्तेमाल होने वाली गाली-गलौज पर भी टिप्पणी की. “अगर आप सड़क के किरदारों पर फिल्म बनाएंगे, तो यकीन मानिए रियलिटी में आपको फिल्मों से ज्यादा गालियां सुनाई देंगी. असलियत दिखाने के लिए किरदार की भाषा भी असली रखनी पड़ती है. हालांकि, मैं भाषा की शुचिता का पक्षधर हूं. अगर आप भाषा का स्वरूप बिगाड़ेंगे, तो भाषा भी आपका स्वरूप बिगाड़ देगी।”
Jubilee Post | जुबिली पोस्ट News & Information Portal
