जुबिली न्यूज डेस्क
कोलकाता |पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव व सांसद अभिषेक बनर्जी ने गुरुवार को राज्य में प्रस्तावित SIR (Special Identification Register) के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल दिया। तृणमूल छात्र परिषद की एक सभा में ममता बनर्जी ने साफ कहा कि वह राज्य के लोगों का वोटिंग अधिकार छिनने नहीं देंगी, चाहे इसके लिए उन्हें किसी भी स्तर पर लड़ाई क्यों न लड़नी पड़े।
ममता बनर्जी का हमला:
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा:“जब तक मैं जिंदा हूं, बंगाल के लोगों को उनका वोटिंग अधिकार छिनने नहीं दूंगी। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि चुनाव आयोग बीजेपी का लॉलीपॉप बजा रहा है।”
उन्होंने यह भी कहा कि 22 लाख प्रवासी मजदूरों को अब निशाना बनाया जा रहा है, जिनका काम अच्छा चल रहा था, लेकिन SIR के जरिए उन्हें संदिग्ध बनाने की कोशिश हो रही है।
SIR को बताया लोकतंत्र पर हमला
अभिषेक बनर्जी ने SIR को “सरकार चुनने का अधिकार छीनने वाला तंत्र” बताया। उन्होंने कहा:“पहले लोग सरकार चुनते थे, अब सरकार मतदाता चुन रही है। वैध मतदाताओं को हटाने का कोई भी प्रयास नई दिल्ली की सड़कों पर जोरदार विरोध झेलेगा।”अभिषेक ने ऐलान किया कि पार्टी SIR के खिलाफ राज्यव्यापी प्रदर्शन शुरू करेगी।
“10 करोड़ बंगालियों के लिए लड़ेंगे”
अभिषेक बनर्जी ने कहा:“हम उन 10 करोड़ बंगालियों के लिए लड़ेंगे, जिन्हें बीजेपी बांग्लादेशी कहती है। हम उन लोगों को जवाब देंगे जो कहते हैं कि बंगाली कोई भाषा नहीं है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि ममता सरकार ने केंद्र से पैसा न मिलने के बावजूद 69 लाख जॉब कार्ड धारकों का बकाया चुकाया है।
अपराजिता बिल पर भी निशाना
TMC ने अपराजिता विधेयक को मंज़ूरी न देने पर राज्यपाल और केंद्र सरकार को घेरा। अभिषेक ने कहा:“राज्य विधानसभा और कैबिनेट ने एक साल पहले बिल पास किया था, लेकिन राज्यपाल ने उसे रोक कर रखा है। अब कांग्रेस और CPM क्यों चुप हैं?”
सीबीआई और केंद्र पर तीखा वार
आरजी रेप केस का ज़िक्र करते हुए अभिषेक बनर्जी ने कहा कि:“जिसे कोलकाता पुलिस ने 24 घंटे में सुलझा दिया, मोदी की सीबीआई उसे एक साल में भी नहीं सुलझा पाई।”
क्या है SIR?
SIR (Special Identification Register) एक कथित प्रस्तावित डेटाबेस है, जिसे TMC नेताओं ने “वोटर लिस्ट की सफाई के नाम पर वोटर्स को डराने और हटाने का तरीका” बताया है।
हालांकि चुनाव आयोग की ओर से अब तक इस पर स्पष्ट बयान नहीं आया है।
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ममता बनर्जी का ऐलान: “जिंदा हूं, तो वोटिंग अधिकार छिनने नहीं दूंगी”
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