न्यूज़ डेस्क
हाल ही में बनाये गये भारतीय थल सेना के अध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवाणे ने शनिवार को अपनी पहली प्रेस कांफ्रेंस की। इस कांफ्रेस में उन्होंने आने वाले दिनों में सेना को लेकर अपनी दूरदर्शिता को साझा किया। साथ ही बताया कि सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। इसके साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता है।
थल सेना प्रमुख ने कहा कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का गठन तीनों सेनाओं को साथ लाने की दिशा में बहुत बड़ा कदम है। हमारा ध्यान सेना और सभी सेवाओं के बीच सहयोग पर होगा और हम सभी को साथ लेकर चलेंगे।
उन्होंने कहा कि अगर संसद चाहे तो पीओके पर भी कार्रवाई करेंगे। ‘यह एक संसदीय संकल्प है कि संपूर्ण कश्मीर भारत का हिस्सा है। अगर संसद ने कहा कि वो क्षेत्र (पीओके) भी हमारा होना चाहिए और हमें उस आशय के आदेश दे तो हम उसके लिए उचित कार्रवाई करेंगे।’
क्वॉन्टिटी की जगह क्वॉलिटी पर ध्यान
आर्मी चीफ ने कहा कि हम क्वॉन्टिटी के बजाय क्वॉलिटी पर ध्यान देंगे। पाकिस्तानी सेना द्वारा पुंछ सेक्टर में दो निहत्थे नागरिकों की हत्या पर कहा कि, ‘हम इस तरह की बर्बर गतिविधियों का सहारा नहीं लेते हैं और एक बहुत ही पेशेवर ताकत के रूप में लड़ते हैं। हम सैन्य रूप से ऐसी परिस्थितियों से उचित तरीके से निपटने के लिए तैयार हैं।’
सियाचिन पर टकराव की संभावना
यही नहीं उन्होंने कहा कि ‘सियाचिन हमारे लिए बेहद अहम है, यहां एक फॉर्मेशन पश्चिमी और उत्तरी फ्रंट की निगरानी कर रहा है। यह रणनीतिक तौर पर भी जरुरी है यही वो जगह है, जहां टकराव की सम्भावना है।’
उत्तरी और पश्चिमी दोनों सीमा पर ध्यान देने की आवश्यकता
पाकिस्तान और चीन सीमा पर सेना को संतुलित करने की आवश्यकता पर सेना अध्यक्ष ने कहा कि ‘संतुलन की आवश्यकता है क्योंकि उत्तरी और पश्चिमी दोनों सीमाओं पर समान ध्यान देने की आवश्यकता है।’ इसके लिए हम पहले की तुलना में आज ज्यादा बेहतर तरीके से तैयार हैं।
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