Monday - 8 January 2024 - 9:38 PM

‘लिव इन’ से लेकर ‘गला दबाने’ तक ऐसी रही रोहित-अपूर्वा की केमिस्ट्री

क्राइम डेस्क

उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. एन डी तिवारी के बेटे रोहित शेखर की मौत के मामले में दिल्ली पुलिस ने नौ दिन बाद पत्नी अपूर्वा को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के मुताबिक अपूर्वा रोहित के साथ शादीशुदा जिंदगी से खुश नहीं थी।

छह साल तक लड़ी लम्बी लड़ाई

बता दें कि उज्जवला शर्मा और रोहित शेखर ने अपना हक पाने के लिए एन डी तिवारी से करीब छह साल तक एक लम्बी लड़ाई लड़ी थी। साल 2014 में उन्हें इस लड़ाई में सफलता मिली जब पूर्व सीएम ने उज्जवला शर्मा से पूरे विधि विधान से शादी की। साथ ही रोहित शेखर को अपने बेटा मान लिया। इसके बाद दोनों मां बेटे की लाइफ फिर से पटरी पर आ गई।

मेट्रोमोनियल साईट पर हुई मुलाकात

एन डी तिवारी के उज्जवला और शेखर को अपनाने के बाद उज्जवला अपने बेटे के लिए लड़की की तलाश में लग गई। तभी साल 2017 में रोहित की मुलाकात अपूर्वा से मेट्रोमोनियल साईट पर हुई। उसके बाद से दोनों के बीच दोस्ती गहरी हो गई और दोनों लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगे।

मई 2018 में बंधे बंधन में

इंदौर की रहने वाली 34 साल की अपूर्वा पेशे से वकील हैं। दोनों करीब एक साल तक लिव इन में रहने के बाद 12 मई 2018 में एक दुसरे से शादी कर ली, जो की दिल्ली के एक फाइव स्टार होटल में हुई थी। इसमें कई बड़े दिग्गज नेता सहित बड़े अधिकारी भी शामिल हुए थे। शादी के बाद से दोनों के परिजन बहुत खुश थे।

रिश्तेदार महिला से थी करीबी

शादी होने के बाद से दोनों दिल्ली की डिफेन्स कॉलोनी में एक दूसरे के साथ खुशी-खुशी रहने लगे थे, लेकिन शायद उनकी खुशी को किसी को नजर लग गई। शादी के कुछ दिन बाद ही अपूर्वा को रोहित की एक महिला मित्र के बारे में पता चला जो की उनकी करीबी रिश्तेदार थी। रोहित अक्सर उसके घर आता जाता रहता था। यह बात अपूर्वा को पसंद न थी इस बात को लेकर दोनों के बीच झगड़े होने लगे।

करोड़ों की संपति बनी वजह

इसके अलावा दोनों के बीच एक वजह और थी, जिसको लेकर आपस में नहीं बनती थी। रोहित के पास उतराखंड के साथ-साथ दिल्ली में भी करोड़ों के सम्पति थी। पुलिस जाँच के मुताबिक अपूर्वा ने रोहित से उसके घरवालों के लिए एक घर बनवाने की मांग की थी, लेकिन रोहित लगातार उसको नजरअंदाज करता रहा है, जिसको लेकर दोनों के बीच कहासुनी होने लगी थी।

इस बीच लोकसभा चुनाव के दौरान रोहित वोट डालने अपनी करीबी महिला मित्र के साथ उत्तराखंड गया था, जिसकी भनक उसकी पत्नी अपूर्वा को लग गई। इस घटना को लेकर अपूर्वा का गुस्सा सातवें आसमान पर जा पहुंचा। फोन पर दोनों के बीच कहासुनी हुई। 15 अप्रैल को रोहित लौटकर वापस घर आया। उस रात रोहित के डिफेंस कालोनी वाले आवास पर पत्नी अपूर्वा, बड़ा भाई सिद्धार्थ शर्मा, नौकरानी मार्था, नौकर गोलू, ड्राइवर अखिलेश मौजूद थे।

थोड़ा नशे में था रोहित

उज्जवला एक सरकारी घर तिलक लेन में रहती है। लेकिन 15 अप्रैल की रात वो रोहित के डिफेंस कॉलोनी वाले घर आई। डिनर करने के बाद वो वापस अपने  तिलक लेन वाले घर चली गई। उज्जवला के मुताबिक उस रात रोहित को जब उन्होंने देखा तो वो थोड़ा नशे में लग रहा था।

रोहित की संदिग्ध मौत

16 अप्रैल को जब उज्जवला करीब दो बजे रोहित के घर पहुंची तो अपूर्वा ने बताया की रोहित अभी सो रहा है। इसके बाद उज्जवला अपना इलाज कराने  मैक्स हॉस्पिटल चली गई, लेकिन हॉस्पिटल के गेट पर पहुँचते ही रोहित की मां के पास कॉल आया और बताया की रोहित की तबियत बिगड़ गई है। उसके बाद उसे एम्बुलेंस से अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट से निकला सच

अचानक हुई मौत से रोहित के घर वाले हैरान थे उनकी ये हैरानी तब और बढ़ गई जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया कि रोहित की मौत दम घुटने से हुई है। शक जताया गया कि रोहित का गला दबाया गया होगा। वहीं, रिपोर्ट में मौत का वक्त रात एक से डेढ बजे के बीच बताया गया।

जांच के घेरे में आई पत्नी

पुलिस ने मौके पर जाके रोहित के कमरे की जांच पड़ताल की। सीसीटीवी फुटेज खंगाली जा रही थी। घर के अपूर्वा समेत नौकरों सहित छह लोग पुलिस के रडार पर थे। मामले की जांच जब दिल्ली क्राइम ब्रांच को दी गई तब पूँछताछ में पता चला कि वारदात से पहले रोहित और अपूर्वा के बीच झगड़ा हुआ था। उस वक्त रोहित शराब के नशे में था।

वहीं, लगातार क्राइम ब्रांच की टीम ने अपूर्वा से पूछताछ करती रही। लेकिन अपूर्वा ने कोई भी जानकारी ना होने की बात कही। साथ ही अपूर्वा अपने बयान लगातार बदलती रही जिसकी वजह से पुलिस का शक और गहरा गया।

गला दबाकर की गई हत्या

इसी दौरान क्राइम ब्रांच ने अपूर्वा के नाखूनों और बालों का नमूने लिए और जांच के लिए भेज दिए। जो की पॉजिटिव निकले। अब अपूर्वा के सामने सच बोलने के अलावा कोई चारा नहीं रहा। उसने पुलिस को बताया कि उस रात अपूर्वा और रोहित के बीच पहले झगड़ा हुआ और फिर हाथापाई होने लगी। रोहित के नशे की हालत में होने की वजह से अपूर्वा उस पर भारी पड़ गई।

उसने रोहित का गला दबाकर उसे मौत के घाट उतार दिया। घटना को अंजाम देने के बाद उसने सबूत मिटाए और फिर सोने के लिए अपने कमरे में चली गई। इस तरह से इस कहानी और रोहित शेखर तिवारी का अंत हो गया।

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