जुबिली न्यूज डेस्क
झारखंड के दुमका में 12वीं की स्टूडेंट अंकिता सिंह को जलाकर मार डालने के मामले तुल पकड़ चुका है। इस मामले की जांच कर रहे अधिकारी को हटा दिया गया है। दरअसल, एसडीपीओ नूर मुस्तफा पर आरोपी शाहरुख को बचाने का आरोप लगा था। इसके बाद दुमका के एसपी अंबर लकड़ा ने एसडीपीओ नूर मुस्तफा को हटाते हुए निरीक्षक स्तर के अधिकारी को जांच सौंपी है।
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पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट करके कहा था, ‘खबरों के मुताबिक़ दुमका में अंकिता को जलाये जाने के मामले में वहां के डीएसपी नूर मुस्तफा ने शुरू से ही अभियुक्त शाहरुख हुसैन को बचाने का प्रयास किया, एफआईआर में नाबालिग की जगह बालिग लिखवा दिये जाने की बात खबरों में आ रही है।
ये है पूरा मामला
गौरतलब है कि झारखंड की राजधानी रांची से पौने दो सौ किलोमीटर दूर दुमका की रहने वाली अंकिता सिंह को जलाकर मार डाला गया था। आरोप है कि शाहरुख को अंकिता से एकतरफा प्यार हुआ था। अंकिता ने इनकार किया तो 23 अगस्त की सुबह चार बजे शाहरुख अपने दोस्त के साथ दुमका के जरूवाडीह मोहल्ले में पहुंचा।अंकिता सो रही थी। आरोप के मुताबिक, शाहरुख ने खिड़की से लड़की पर पेट्रोल फेंका और आग लगा दी। आग लगाकर आरोपी भाग गया। अंकिता को पहले दुमका के अस्पताल में और उसके बाद रांची के रिम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया। लड़की पांच दिनों तक हिम्मत दिखाती रही, मगर आखिर में वो जिंदगी की जंग हार गई।
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सड़को पे उतरे कई संगठन
इतनी भयानक वारदात पर झारंखड सुलग उठा। अलग-अलग हिस्सों में विरोध की आवाजें गूंजी। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी), बजरंग दल, करणी सेना समेत कई संगठन सड़क पर उतर आएं और आरोपी शाहरुख को फांसी की सजा दिलाने की मांग करने लगे। इस मामले में आरोपी शाहरुख को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
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