जुबिली स्पेशल डेस्क
ताइवान को लेकर बढ़ते तनाव के बीच चीन ने जापान को सख्त चेतावनी देते हुए एटम बम हमले की धमकी दे डाली है। चीन ने जापान को हिरोशिमा और नागासाकी की त्रासदी याद दिलाई और कहा कि अगर जापान नहीं सुधरता तो उसे पहले से भी ज्यादा दर्द झेलना पड़ सकता है।
चीन के विदेश मंत्री ने दी खुली चेतावनी
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने अमेरिकी टैरिफ पर बात करते हुए जापान पर निशाना साधा। उन्होंने कहा,
“जापान हिरोशिमा पर हुए एटम हमले के 80 साल पूरे करने जा रहा है। हम उसके लिए अपनी संवेदना प्रकट करते हैं, लेकिन अगर जापान नहीं सुधरता है तो हम उससे भी ज्यादा दर्द दे सकते हैं।”

ताइवान पर भी चीन का आक्रामक रुख
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने ताइवान को लेकर भी सख्त बयान दिया। उन्होंने कहा कि ताइवान चीन का अहम हिस्सा है और टोक्यो (जापान) जानबूझकर ताइवान को बढ़ावा देकर चीन में अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रहा है। चीन ने यह भी कहा कि अगर जापान ने अपनी गतिविधियां नहीं रोकीं तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
हालांकि, वांग यी ने यह भी कहा कि चीन हमेशा से शांति का समर्थक रहा है और वह चाहता है कि रूस और यूक्रेन के बीच तीन साल से जारी युद्ध जल्द खत्म हो। हालांकि, उन्होंने यह साफ नहीं किया कि चीन यूक्रेन में शांति सेना भेजेगा या नहीं।
जापान पर चीन का सीधा हमला, क्या होगा अगला कदम?
चीन और जापान के बीच ताइवान और अन्य मुद्दों को लेकर पहले से ही तनाव बना हुआ है। अब चीन की इस नई धमकी के बाद यह देखना होगा कि जापान और अमेरिका इस पर कैसी प्रतिक्रिया देते हैं।
क्या है चीन-ताइवान के झगड़े की वजह?
ताइवान, चीन के पूर्व में समंदर के बीचोंबीच स्थित एक छोटा-सा द्वीप है। चीन से ताइवान करीब 160 किलोमीटर की दूरी पर है। ताइवान की आबादी लगभग 2.3 करोड़ है। चीन इसे अपना एक प्रांत मानता है। वहीं ताइवान अपनी पहचान एक आजाद देश के रूप में बताता है। दोनों में तनातनी दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान से ही चल रहा है।
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