जुबिली न्यूज डेस्क
मिडिल ईस्ट में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। ईरान और इजरायल के बीच जारी तनाव अब पूरी दुनिया के लिए खतरे की घंटी बन गया है, क्योंकि इस संघर्ष में अमेरिका ने भी खुलकर एंट्री ले ली है। इसी बीच ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को कड़े शब्दों में चेतावनी दी है – “ईरान न तो झुकेगा, न ही पीछे हटेगा। हर शहीद का हिसाब लिया जाएगा।”
खामेनेई का ट्रंप को जवाब: “ईरान सरेंडर नहीं करेगा”
ईरान की तस्नीम न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक, खामेनेई ने ट्रंप की धमकियों पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा:”जो लोग ईरान के इतिहास को जानते हैं, वे जानते हैं कि ईरानी धमकियों की भाषा का जवाब देना जानते हैं। अमेरिका को यह जान लेना चाहिए कि हम किसी भी हाल में सरेंडर नहीं करेंगे। अगर हमला हुआ, तो अंजाम गंभीर होंगे।”
खामेनेई ने स्पष्ट कर दिया कि ईरान को थोपी गई शांति या युद्ध दोनों ही स्वीकार नहीं हैं।
इजरायल ने की “बड़ी गलती”, अब भुगतेगा अंजाम
सुप्रीम लीडर ने इजरायल को भी सीधे निशाने पर लेते हुए कहा:”इजरायल ने बहुत बड़ी गलती की है और उसे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। हम अपने शहीदों के खून को नहीं भूलेंगे।”
ईरान का विदेश मंत्रालय भी कह चुका है कि अमेरिका के किसी भी हस्तक्षेप से पूरा मिडिल ईस्ट युद्ध की आग में जल सकता है।
डोनाल्ड ट्रंप की खुली चेतावनी: “बिना शर्त सरेंडर करे ईरान”
इस तनाव के बीच 17 जून 2025 को G7 समिट से लौटने के बाद ट्रंप ने वाशिंगटन में प्रेस को संबोधित किया। उन्होंने कहा:“ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं हो सकते। हम उनके सभी लोकेशन जानते हैं, जहां उनके नेता छिपे हैं। हमने अब तक हमला नहीं किया, लेकिन हमारे धैर्य की भी एक सीमा है।”
ट्रंप ने यह भी कहा कि अमेरिका की तकनीक और सैन्य शक्ति का मुकाबला कोई देश नहीं कर सकता। उन्होंने ईरान को बिना शर्त सरेंडर करने की मांग दोहराई।
क्या छिड़ सकता है तीसरा वर्ल्ड वॉर?
विश्लेषकों का मानना है कि अगर यह टकराव आगे बढ़ता है, तो यह न सिर्फ मिडिल ईस्ट, बल्कि पूरे विश्व को प्रभावित कर सकता है। अमेरिका, इजरायल और ईरान के बीच तनातनी से तेल की कीमतों में उछाल, रणनीतिक साझेदारों में विभाजन और मानवता पर खतरा मंडरा रहा है।
नजर अब इस पर टिकी है…
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क्या अमेरिका हमला करेगा?
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क्या ईरान पीछे हटेगा या पलटवार करेगा?
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क्या संयुक्त राष्ट्र कोई पहल करेगा?
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और सबसे बड़ा सवाल: क्या यह टकराव परमाणु संघर्ष में बदल जाएगा?
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इस पूरे घटनाक्रम ने दुनिया की निगाहें फिर से मिडिल ईस्ट की ओर खींच ली हैं। आने वाले कुछ दिन इस क्षेत्र के भविष्य के लिए बेहद निर्णायक होंगे। खाड़ी देशों से लेकर सुपरपावर तक, सभी की एक छोटी सी चूक बहुत बड़ी तबाही ला सकती है।