जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (1 सितंबर) को चीन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO Summit) में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। इस मीटिंग के बाद अमेरिका ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। डोनाल्ड ट्रंप के ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो ने कहा कि भारत को अमेरिका के साथ रहना चाहिए, रूस के साथ नहीं।
अमेरिका को क्यों हुई दिक्कत?
‘फ्री प्रेस जर्नल’ की रिपोर्ट के मुताबिक, पीटर नवारो ने कहा,“भारत को हमारे साथ रहना चाहिए, न कि रूस के साथ। प्रधानमंत्री मोदी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ काम कर रहे हैं, यह ठीक नहीं है।”
एससीओ समिट के दौरान पीएम मोदी की मुलाकात चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति पुतिन से हुई। इन मुलाकातों में दोनों नेताओं के बीच खास बातचीत हुई, जिसे लेकर अमेरिका नाखुश है।
भारत पर क्यों लगाया अतिरिक्त टैरिफ?
नवारो ने कहा कि अमेरिका ने भारत पर दो कारणों से 25% टैरिफ लगाया है:
-
अनफेयर ट्रेड (असंतुलित व्यापार) – भारत के व्यापारिक व्यवहार को लेकर अमेरिका को शिकायत है।
-
रूस से तेल खरीदना – नवारो के अनुसार, भारत रूस से तेल खरीद रहा है और रूस उस कमाई को युद्ध में इस्तेमाल कर रहा है।
यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिका का आरोप
पीटर नवारो का कहना है कि भारत की रूस से तेल खरीदने की नीति, यूक्रेन युद्ध को अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ावा दे रही है। अमेरिका का दावा है कि रूस तेल से मिलने वाली कमाई को यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में झोंक रहा है।
गौरतलब है कि रूस-यूक्रेन युद्ध कई महीनों से जारी है, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकला है। ट्रंप प्रशासन के दौरान भी इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश हुई थी, जब ट्रंप ने पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ मीटिंग की थी।