जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राज्य की बीजेपी सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कई फ़ैसलों पर बुधवार को प्रतिक्रिया दी है.

अखिलेश ने कहा सरकार जो फ़ैसले ले रही है, ये सभी जल्दबाज़ी के हैं. शिक्षकों को परेशान करने के लिए सरकार ने फ़ैसला लिया है कि अब डिजिटल अटेंडेंस ली जाएगी. समाजवादी पार्टी ने इसका विरोध भी किया.
अखिलेश बोले मैं कहना चाहता हूं कि ये फ़ैसला स्थगित नहीं होना है. स्थगित का मतलब ये कि सरकार कभी भी इसको लागू कर सकती है. ये फ़ैसला निरस्त हो तभी हमारे शिक्षकों की असली मदद होगी. कुछ दिनों पहले लखनऊ के अकबरनगर में प्रशासन ने अवैध निर्माण गिराए जाने का काम शुरू किया था. इसके बाद पंत नगर में भी अवैध निर्माण को गिराए जाने का फैसला सरकार ने किया था.
हालांकि योगी सरकार ने ये फ़ैसला वापस ले लिया था. लखनऊ में घरों के ध्वस्तीकरण के फ़ैसले पर अखिलेश ने कहा ये सरकार कमज़ोर पड़ी है, तभी ध्वस्तीकरण का फ़ैसला भी टाला गया है. लेकिन इसे भी ख़त्म नहीं किया गया है. हम प्रदेश की जनता को सावधान करना चाहते हैं कि बीजेपी के लोगों ने आपसी और कुर्सी की लड़ाई में पूरे प्रशासन को ख़त्म कर दिया है.
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अखिलेश ने सीएम योगी को घेरते हुए कहा इन्हीं के विधायक और लोग आरोप लगा रहे हैं कि भ्रष्टाचार चल रहा है. हम लोगों ने अख़बारों में पढ़ा है कि मुख्यमंत्री ख़ुद स्वीकार कर रहे हैं कि बड़े पैमाने पर दलाली चल रही है. जिस प्रदेश के मुख्यमंत्री ख़ुद स्वीकार करते हों कि दलाली चल रही है और अख़बारों में बड़ा-बड़ा छपा हो कि दलाली हो रही है, तो जनता ख़ुद जानती है कि कितनी दलाली हो रही है.
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