बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का माहौल गर्म है, लेकिन इसकी गूंज अब उत्तर प्रदेश तक सुनाई दे रही है। एक ओर जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एनडीए प्रत्याशियों के समर्थन में पूरे जोश से प्रचार कर रहे हैं, वहीं अखिलेश यादव बिहार को सोशल मीडिया पर सियासी रणनीति का नया मैदान बना चुके हैं।
जुबिली स्पेशल डेस्क
बिहार विधानसभा चुनाव में जहां एनडीए और महागठबंधन के बीच सीधी टक्कर दिखाई दे रही है, वहीं इस मुकाबले में उत्तर प्रदेश की सियासत की भी गूंज सुनाई दे रही है। अखिलेश यादव से लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक, दोनों ही नेता बिहार चुनाव में पूरी तरह सक्रिय हैं।
दोनों नेताओं की सोशल मीडिया टीम भी चुनावी मैदान में जबरदस्त प्रदर्शन कर रही है। भले ही चुनाव बिहार का हो, लेकिन अखिलेश यादव इसे उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2027 की रणनीति तैयार करने का मौका बना रहे हैं। सपा लगातार अखिलेश यादव के भाषणों की क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल कर रही है, जिनमें वे केंद्र की मोदी सरकार पर तीखे हमले बोलते नजर आते हैं।

पिछले दस दिनों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिहार में 30 जनसभाएं और एक रोड शो किया है। वे एनडीए के सहयोगी दलों जेडीयू, एलजेपी (आर), हम और आरएलएम के 43 उम्मीदवारों के लिए प्रचार कर चुके हैं। योगी अपने भाषणों में बार-बार “बुलडोजर मॉडल” का जिक्र करते हुए इसे कानून व्यवस्था और विकास का प्रतीक बता रहे हैं।
वहीं, अखिलेश यादव ने पिछले सात दिनों में 28 जनसभाएं की हैं और महागठबंधन के लिए समर्थन जुटाया है। अपने भाषणों में वे बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहते हैं कि “बीजेपी के एजेंडे में झूठ बोलना और नफरत फैलाना शामिल है।” उन्होंने दावा किया कि “अवध में बीजेपी को हराया, अब मगध में भी हराएंगे।” सपा के डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अखिलेश के इन भाषणों की क्लिप्स तेजी से वायरल हो रही हैं, जो यूपी में 2027 के चुनाव की दिशा तय कर सकती हैं।
बिहार में एनडीए और महागठबंधन के बीच भले ही सीधी टक्कर हो, लेकिन इस चुनाव ने उत्तर प्रदेश की सियासत का रुख भी बदल दिया है। योगी आदित्यनाथ जहां बीजेपी के चेहरे को मजबूत करने में जुटे हैं, वहीं अखिलेश यादव डिजिटल राजनीति के जरिए यूपी में नई कहानी लिखने की कोशिश कर रहे हैं। बिहार का चुनाव मैदान, अब बन गया है यूपी की सियासी रणनीति का ट्रायल ग्राउंड।
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