जुबिली न्यूज डेस्क
लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष और कन्नौज सांसद अखिलेश यादव ने सोमवार, 18 अगस्त को भारत निर्वाचन आयोग को आड़े हाथों लिया। उन्होंने आयोग को झूठा करार देते हुए कहा कि वह सबूत पेश करने को तैयार हैं। अखिलेश का यह बयान मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के उस दावे के बाद आया है, जिसमें उन्होंने विपक्ष के ‘वोट चोरी’ के आरोपों को गलत बताया था।
“ये रिसिप्ट हैं, प्रिंटआउट ला रहा हूं”
अखिलेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोबाइल दिखाते हुए कहा,
“मैं रिसिप्ट देना चाहता हूं। ये रिसिप्ट हैं। मैं अभी प्रिंटआउट ला रहा हूं आपके लिए।”
उन्होंने कहा कि सपा की मांग स्पष्ट है:
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जाति के आधार पर बीएलओ (BLO) की तैनाती न हो
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उत्तर प्रदेश के चुनावी आंकड़े सार्वजनिक किए जाएं
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चुनाव में PDA (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) समुदाय का कोई अधिकारी जिम्मेदारी पर है या नहीं, यह बताया जाए
“एक भी डीएम सस्पेंड कर दो, वोट कटना बंद हो जाएगा”
अखिलेश ने आरोप लगाया कि जब से बीजेपी की सरकार आई है, किसी अधिकारी को शिकायत पर नहीं हटाया गया। उन्होंने कहा: “वोट बनवाने की अगर प्रक्रिया है तो वोट कटवाने की भी प्रक्रिया है। हमारी डिमांड इतनी है कि एक जिलाधिकारी को सस्पेंड कर दो, पूरे देश में एक भी वोट नहीं कटेगा।” उन्होंने दावा किया कि 2019, 2022 और 2024 में एक भी अधिकारी हटाया नहीं गया।
“पिछड़ों का वोट जानबूझकर डिलीट किया जा रहा”
सपा प्रमुख ने कहा कि जानबूझकर बिंद, मौर्य, पाल, राठौर समाज समेत पिछड़े वर्गों के वोट लिस्ट से हटाए जा रहे हैं।
“वे शो यह करते हैं कि पिछड़ा वोट मिल रहा है, लेकिन सच्चाई यह है कि उनका वोट डिलीट हो रहा है।”
“भाजपा जाए तो सत्यता आए”
रविवार को अखिलेश ने X (पूर्व ट्विटर) पर भी आयोग पर निशाना साधते हुए कहा था कि यूपी में सपा द्वारा दिए गए शपथपत्र प्राप्त नहीं होने का दावा झूठ है।उन्होंने डाक विभाग की रसीदों की तस्वीरें टैग करते हुए लिखा, “निर्वाचन आयोग शपथपत्र दे कि यह जो डिजिटल रसीद हमें भेजी गई है, वह सही है, नहीं तो डिजिटल इंडिया भी शक के घेरे में आएगा।” अखिलेश ने कहा कि सपा ने वोट डकैती के 18 हजार शपथपत्र आयोग को दिए थे, लेकिन कार्रवाई शून्य रही।