अखिलेश यादव ने कर्नाटक में कैमरों के सामने बीजेपी पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि वह इस वक्त एक कांग्रेस नेता के घर के सामने खड़े हैं, इसलिए बीजेपी कुछ भी बोल ले, उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि मुश्किल दौर में दोस्त का साथ नहीं छोड़ना चाहिए हमारा सिद्धांत है कि जब साथी कमजोर हो, तब उसे और मज़बूती से थामना चाहिए।
जुबिली स्पेशल डेस्क
कर्नाटक पहुंचे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की करारी हार के बावजूद कांग्रेस के प्रति सहानुभूति जताई और बड़ा राजनीतिक संदेश दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस एक मित्रवत और सहयोगी पार्टी है, और आगे भी रहेगी।
अखिलेश यादव ने साफ कहा “मैं रिश्ते निभाना जानता हूं। मुझे न केंद्र सरकार की परवाह है, न बीजेपी की। बीजेपी जो चाहे कर ले।”

कैमरे के सामने BJP को ललकारा
अखिलेश यादव ने कर्नाटक में एक कांग्रेस नेता के घर के बाहर खड़े होकर बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा—
“बीजेपी कुछ भी कहे, मुझे फर्क नहीं पड़ता। मुश्किल समय में दोस्त का साथ नहीं छोड़ते। हमारा सिद्धांत है—जब दोस्त कमजोर हो, तो उसका साथ और मजबूती से निभाते हैं।”
गठबंधन सुधारों पर क्या बोले?
सपा सुप्रीमो ने कहा कि राजनीति में हार-जीत चलती रहती है, इसलिए फिलहाल वे गठबंधन में किसी सुधार या बदलाव पर टिप्पणी नहीं करेंगे।हालांकि उन्होंने संकेत दिया कि “सही समय आने पर वे अपने सुझाव जरूर देंगे।”
उन्होंने यह भी भरोसा जताया कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पूरी तरह स्थिर है।
बिहार चुनाव का नतीजा: महागठबंधन ध्वस्त
243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में NDA ने भारी बहुमत के साथ वापसी की।
- बीजेपी: 89 सीट
- जेडीयू: 85 सीट
- लोजपा (रावि): 19 सीट
- हम (सेक्युलर): 5 सीट
- आरएलएम: 4 सीट
कुल मिलाकर NDA ने 202 सीट जीतकर डबल सेंचुरी मार दी।
वहीं महागठबंधन बुरी तरह पिछड़ गया—
- आरजेडी: 25 सीट
- कांग्रेस: 6 सीट
- वीआईपी: 0
कुल मिलाकर महागठबंधन सिर्फ 31 सीटों पर सिमट गया।
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