जुबिली न्यूज़ डेस्क
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आजम खां की पत्नी तंजीन फातिमा जेल से रिहा हो गई। तंजीन फातिमा बीते 27 फ़रवरी से सीतापुर की जिला जेल में बंद थी उनपर वर्तमान सरकार के कार्यकाल में कुल 34 मुक़दमे कायम हुए थे। हालांकि आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्लाह अभी भी बंद है जोकि उनके साथ ही बंद हुए थे। दोनों को कुछ मुकदमों में अभी जमानत नहीं मिल पाई है।
गौरतलब है कि तंजीन फातिमा, रामपुर सदर सीट से विधायक हैं। लेकिन भाजपा के सत्ता में आने के बाद आजम खां के पूरे परिवार पर कई मुकदमें लगाये गये। इसमें तंजीन फातिमा पर ही अकेले 34 मुकदमे दर्ज किए गए। इन मुकदमों की जमानत पाने में ही तंजीम को करीब 10 महीनो का समय लग गया। उनके रिहा होने पर सपा अध्यक्ष अखिलेश ने इंसाफ में एतबार करने वालों की जीत बताया।
रामपुर के सांसद आज़म खान जी की पत्नी तज़ीन फ़ातिमा जी की ज़मानत ने साबित कर दिया है कि नफ़रत की सियासत करनेवाले आख़िर में सच के आगे हारते हैं. भाजपा झूठ के जिस रास्ते पर चल रही है वो अन्याय की ओर जाता है और पतन की ओर ले जाता है.
ये इंसाफ़ में एतबार करनेवालों की जीत है.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) December 22, 2020
रिहा होने के बाद तंजीन फातिमा ने सरकार पर बदले की कार्यवाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जेल के अंदर मुझे किसी भी तरह की कोई सुविधा नहीं मिली और ना ही रिहाई के समय आजम खान से मेरी कोई मुलाकात हुई। न्यायपालिका ने मेरे साथ इंसाफ किया है और आजम साहब को भी इंसाफ मिलेगा।

उन्होंने कहा कि मैंने 60 साल तक राजकीय सेवा की। मैं पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज में लेक्चरर रही। 60 साल तक खुद अधिकारियों ने मेरी सत्य निष्ठा को प्रमाणित किया है। क्या 60 साल के रिटायरमेंट के बाद कोई बुढ़ापे में क्रिमिनल बन सकता है?
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उधर तंजीम के रिहा होने के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि रामपुर के सांसद आजम खान की पत्नी तंजीन फ़ातिमा की ज़मानत ने साबित कर दिया है कि नफ़रत की सियासत करनेवाले आख़िर में सच के आगे हारते ही हैं।
बीजेपी झूठ के जिस रास्ते पर चल रही है वो अन्याय की ओर जाता है और पतन की ओर ले जाता है। ये इंसाफ़ में एतबार करनेवालों की जीत है।
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