जुबिली न्यूज डेस्क
गोरखपुर | दिवाली से पहले मिलावटखोरों की गंदी साजिश एक बार फिर बेनकाब हो गई है। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में खाद्य सुरक्षा विभाग ने 500 किलो खराब खजूर और 15 क्विंटल नकली मिठाई बरामद की है। हैरानी की बात यह है कि इन मिठाइयों में चांदी के वर्क के नाम पर एल्यूमिनियम का इस्तेमाल किया गया था — जो सेहत के लिए जानलेवा साबित हो सकता है।
दिल्ली से गोरखपुर तक चल रहा था मिलावट का खेल
सहायक खाद्य आयुक्त डॉ. सुधीर कुमार सिंह के नेतृत्व में शुक्रवार को नौसड़ चौक पर एक प्राइवेट बस को रोका गया। जांच में पाया गया कि बस में 50 डिब्बों में भरकर लगभग 5 क्विंटल (500 किलो) खजूर लाए जा रहे थे। प्रत्येक डिब्बे में 10 किलो खजूर भरे थे।
इन खजूरों पर पैकेजिंग या एक्सपायरी डेट की कोई जानकारी नहीं थी। पहली नजर में ये खराब और सड़े हुए प्रतीत हो रहे थे। डॉ. सिंह के मुताबिक, यूएई (UAE) से खजूर आयात करने का दावा किया गया, लेकिन इसके कोई दस्तावेज नहीं मिले।
खजूर में मिलावट कैसे होती है?
खाद्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कुछ मिलावटखोर:
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छुहारे को गर्म पानी में उबालते हैं
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उसमें सैकरीन (कृत्रिम मिठास) और सस्ती शुगर सिरप मिलाकर उसे खजूर जैसा बना देते हैं
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फिर उसे असली खजूर के नाम पर महंगे दामों पर बाजार में बेचते हैं
यह सेहत के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है, खासकर त्योहारों में जब लोग अधिक मात्रा में मिठाई और ड्राई फ्रूट्स खरीदते हैं।
ब्रेड वाहन में छिपाकर लाई जा रही थी 15 क्विंटल मिठाई
लखनऊ से गोरखपुर भेजे जा रहे एक ब्रेड वाहन में 15 क्विंटल मिलावटी मिठाई पकड़ी गई। जांच में पाया गया कि:
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मिठाई को ब्रेड के कार्टनों के नीचे छिपाकर लाया जा रहा था
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मिठाइयों पर एल्यूमिनियम वर्क चढ़ा हुआ था, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है
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इस मिठाई को गोरखपुर के अलग-अलग व्यापारियों को सप्लाई किया जाना था
खाद्य विभाग ने मिठाई को नष्ट कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है और व्यापारियों के फूड लाइसेंस की जांच चल रही है।
क्या-क्या अनियमितताएं पाई गईं?
सामग्री | अनियमितता |
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खजूर (500 किलो) | कोई FSSAI नंबर, एक्सपायरी डेट, पैकेजिंग जानकारी नहीं |
मिठाई (15 क्विंटल) | एल्यूमिनियम वर्क, छुपाकर ब्रेड वाहन में परिवहन |
खजूर का स्रोत | राजू सोनकर, महेवा मंडी, बिना लाइसेंस |
ड्राई फ्रूट्स के सैंपल | जांच के लिए भेजे गए, बिक्री पर रोक |
सख्ती शुरू, केस दर्ज होंगे
डॉ. सुधीर कुमार सिंह ने बताया:”शासन के निर्देश पर त्योहारी सीजन में मिलावटखोरी रोकने का विशेष अभियान चलाया जा रहा है। मिल्क प्रोडक्ट, मिठाई और ड्राई फ्रूट्स पर फोकस किया जा रहा है।”
उन्होंने यह भी कहा कि:
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जिन व्यापारियों के पास वैध दस्तावेज नहीं होंगे, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी
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सैंपल रिपोर्ट के आधार पर FIR दर्ज की जाएगी
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जनता से अपील है कि वे बिना ब्रांड या FSSAI नंबर वाले उत्पाद न खरीदें
दिवाली जैसे पवित्र त्योहार में मिलावटखोर मौत परोसने से बाज नहीं आ रहे। यह सिर्फ धोखाधड़ी नहीं, बल्कि जनस्वास्थ्य के साथ अपराध है। गोरखपुर की इस कार्रवाई से साफ है कि सरकारी एजेंसियां अब सतर्क हैं, लेकिन जनता को भी सजग रहने की ज़रूरत है।