जुबिली न्यूज डेस्क
उन्नाव में लगभग 12 साल की गैंगरेप पीड़िता के घर से दिल दहला देने वाली खबर आई है. पीड़िता के घर पर कथित तौर पर आरोपियों ने हमला किया और दुधमुंहे बच्चे को आग के हवाले कर दिया. शिशु का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है. 11 अप्रैल को आजतक ने पीड़िता के घर पर जाकर रिपोर्ट छापी थी. इसके बाद आरोपी समझौते का दबाव बनाने लगे थे.

उन्नाव के मौरावां थाना क्षेत्र के एक गांव में 17 अप्रैल को हुए हमले में गैंगरेप पीड़िता बच्ची का लगभग 4 महीने का शिशु बुरी तरह से झुलस गया. किशोरी की मां का आरोप है कि रेप के आरोपियों ने अपनी जान-पहचान के लोगों के साथ मिलकर हमला किया था.
कुल 7 लोगों ने पहले घर में घुसकर किशोरी और मां से मारपीट की, इसके बाद घर की छाजन पर न लाइटर से आग लगा दी. फूस की छप्पर वाला एक कमरे का घर तुरंत आग की चपेट में आ गया. आसपास रहने वालों ने फायर डिपार्टमेंट को फोन किया, जिसके बाद आग पर काबू पाया जा सका, हालांकि घटना में शिशु लगभग 50 फीसदी तक जल गया.
फिलहाल उन्नाव जिला अस्पताल में बच्चे का इलाज चल रहा है. इस बारे में अस्पताल प्रशासन से बात नहीं हो सकी है. वहीं मामले पर सर्कल ऑफिसर संतोष कुमार सिंह ने कहा कि हां, आगजनी और मारपीट तो हुई है, लेकिन मामला पारिवारिक रंजिश का भी हो सकता है, इसपर जांच चल रही है.
ये भी पढ़ें-देह व्यापार में रंगे हाथ पकड़ी गई ये डायरेक्टर, पुलिस ने किया बड़ा खुलासा
रेप के आरोपियों के जानलेवा हमला करने की बात पर सीओ कहते हैं कि एक आरोपी जेल में है, एक कोलकाता में रह रहा है. एक आरोपी छूटा हुआ है और गांव में ही है. उसे परिवार समेत पकड़कर पूछताछ शुरू हो चुकी है. बच्चे को अच्छे से अच्छा इलाज दिया जा रहा है. इधर हफ्तेभर पहले ही पीड़िता के पिता पर भी जानलेवा हमला हुआ. गंभीर रूप से घायल पिता का इलाज भी उसी जिला अस्पताल में चल रहा है.
ये भी पढ़ें-बालू माफियाओं ने महिला इंस्पेक्टर को घसीटकर पीटा, फिर पुलिस वालों पर…
इधर पीड़िता के वकील संजीव त्रिवेदी का कहना है कि पुलिस ने जो धाराएं लगाईं, वे मामले की संजीदगी को काफी कम कर रही हैं. फिलहाल धारा 147, 325 और 436 लगाई गई हैं, यानी 5 या ज्यादा लोगों ने हमला करके किसी की प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाया और मारपीट की. लेकिन हमला क्यों हुआ, इसे देखते हुए धाराएं बढ़नी चाहिए थीं.
ये सिर्फ मारपीट नहीं थी, बल्कि हत्या के लिहाज से हुआ अटैक था. यहां तक कि पीड़िता से मारपीट करते हुए उसके कपड़ों को भी नुकसान पहुंचाया गया. इसपर धारा 354 बी भी लगनी चाहिए थी. आरोप है कि जांच को प्रभावित करने के लिए कई सबूतों जैसे मोबाइल को भी आग में फेंक दिया गया.
 Jubilee Post | जुबिली पोस्ट News & Information Portal
Jubilee Post | जुबिली पोस्ट News & Information Portal
				
 
						
					 
						
					 
						
					 
						
					 
						
					