जुबिली न्यूज डेस्क
दिल्ली विधानसभा चुनावों में 19 फीसदी उम्मीदवारों ने अपने हलफनामें में क्रिमिनल केस की जानकारी दी है. एडीआर की रिपोर्ट में ये बात सामने आई है. पिछले विधानसभा चुनाव में 20 फीसदी उम्मीदवारों ने आपराधिक मामलों की जानकारी दी थी. ऐसे में इस साल एक फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है. एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले विधानसभा चुनाव में 672 उम्मीदवार थे जो इस बार बढ़कर 699 हो गए हैं.

एडीआर के मुताबिक, चुनावी मैदान में उतरे 12 फीसदी उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक आरोप हैं, जिनमें पांच या अधिक साल की जेल की सजा वाले अपराध भी शामिल हैं. पिछली बार के मुकाबले इसमें कमी आई है जो 15 फीसदी था. उम्मीदवारों ने अपने हलफमाने में मर्डर, अटेंप्ट मर्डर और महिलाओं के खिलाफ जैसे अपराधों की जानकारी दी है.
दो पर हत्या के आरोप
इस बार के चुनावी मैदान में 13 फीसदी ऐसे उम्मीद है जिन्होंने महिलाओं के खिलाफ अपराध से जुड़े मामलों की जानकारी दी है. जबकि दो पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 के तहत हत्या का आरोप है. पांच उम्मीदवारों पर आईपीसी की धारा 307 के तहत हत्या के प्रयास का आरोप है.
आप, कांग्रेस और बीजेपी के उम्मीदवारों
आम आदमी पार्टी के 63 फीसदी उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें से 41 फीसदी उम्मीदवारों पर गंभीर मामले हैं. कांग्रेस के 41 फीसदी उम्मीदवारों ने आपराधिक मामलों की जानकारी दी है जिनमें 19 फीसदी के खिलाफ गंभीर मामले दर्ज हैं. बीजेपी के 29 फीसदी उम्मीदवारों ने ऐसे मामलों की जानकारी अपने हलफमाने में दी है. बीजेपी के 13 फीसदी उम्मीदवार ऐसे हैं जिनपर गंभीर मामले दर्ज हैं.
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दिल्ली में 5 फरवरी को वोटिंग, 8 को नतीजे
बता दें कि दिल्ली में सभी 70 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में 5 फरवरी को वोटिंग है. नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे. आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच मुख्य मुकाबला माना जा रहा है. इसके अलावे चुनावी मैदान में असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम, मायावती की बसपा और अजित पवार की एनसीपी भी है. बीजेपी ने एक-एक सीट जेडीयू और चिराग पासवान को दी है.
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