स्पेशल डेस्क
पटना। बिहार में क्रिकेट को लेकर चले आ रही रार खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। बिहार में क्रिकेट के नाम पर भ्रष्टाचार ने अपना पांव पसार लिया है। हाल में एक न्यूज चैनल पर बिहार क्रिकेट में फैले भ्रष्टाचार का उजागर हुआ था। इसमें पता चला था क्रिकेट के नाम पर क्या-क्या होता है। इसके खिलाफ सीएबी के आदित्य वर्मा ने आवाज उठायी है और वह बार-बार बीसीसीआई से बिहार क्रिकेट को बचाने के लिए गुहार लगा रहे हैं।
उन्होंने शनिवार को सीएबी का एक प्रतिनिधि मंडल आदित्य वर्मा, मो आलमगीर, अरसद , नीरज वर्मा, पटना जिला के पुलिस अधीक्षक नगर को एक आवेदन सीएबी के मुजफ्फरपुर जिला युनिट के सचिव मो आलमगीर पटना के गांधी मैदान थाना मे दर्ज एफआईआऱ 122/19 के आवेदनकर्ता ने दिया ।

इसके पश्चात टाउन डीएसपी सुरेश कुमार जी से मिल कर आग्रह किया कि जल्द से जल्द इस केस का सुपरविजन रिपोर्ट दे कर दोषियों को गिरफ्तार किया जाए। बिहार पुलिस के वरिष्ठ पुलिस पदाधिकारी एडीजी मुख्यालय के दूारा कुछ दिन पहले पटना के गॉधी मैदान थाना मे दर्ज एफआईआऱ पर वरिय पुलिस कप्तान पटना जिला से अनुसंधान पर अपना रिपोर्ट देने को कहा है।
सबसे आश्चर्यजनक यह है कि बिहार क्रिकेट संघ के सचिव, अध्यक्ष, चयन समिति के सदस्य एवं बीसीए सचिव के खासम खास डीपी त्रिपाठी सहित 6 अभियुक्तो पर न्यूज चैनल के स्टिंग ऑपरेशन क्लीन बोल्ड के बाद पटना के गॉधी मैदान थाना मे एफआईआऱ गैर जमानती धारा मे दर्ज होने के 3 महिना के बाद भी बिहार पुलिस पटना जिला के सुस्ती जांच से बिहार के क्रिकेटरो एवं क्रिकेट प्रेमियों के बीच एक अजीब सा संशय छा गया है। लग रहा है कि सुप्रीम कोर्ट से हि आखरी उम्मीद बची हुइ है निश्चय ही न्याय मिलेगा तथा बिहार क्रिकेट के भ्रष्टाचारियो को उनके किए गए कार्यो अनैतिक कार्यो के लिए सख्ती के साथ सुप्रीम कोर्ट के दूारा सजा मिलेगी ।
Jubilee Post | जुबिली पोस्ट News & Information Portal
