जुबिली स्पेशल डेस्क
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बाराबंकी लाठीचार्ज और मंत्री ओमप्रकाश राजभर के आवास पर एबीवीपी के प्रदर्शन को लेकर बीजेपी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि बीजेपी अपने ही सहयोगी संगठनों में झड़प करा रही है और अब अपने राजनीतिक साथियों को राजनीतिक रूप से बर्बाद करने पर तुली है।
अखिलेश ने तंज कसा कि “भाजपा किसी की सगी नहीं है। कल तक उनकी अपनी ‘परिषद’ बनाम ‘वाहिनी’ भिड़ रही थी और अब अपने ही सहयोगी के घर प्रदर्शन हो रहा है।”
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा किसी की सगी नहीं है… कल तक भाजपाइयों की अपनी ही ‘परिषद’ बनाम अपनी ही ‘वाहिनी’ हो रहा था, अब अपने तथाकथित राजनीतिक सहयोगी के ख़िलाफ़, उनके आवासों तक पर प्रदर्शन करवा रही है।
भाजपाइयों की ‘दरारवादी सोच’ अब अपने गुट में भी दरार डाल चुकी है। भाजपा के सहयोगी बने धन-लोलुप लोगों को अब ये समझ आ गया है कि ‘इस्तेमाली’ पार्टी उनकी ‘माली हालत’ तो सुधार सकती है मतलब उनके ख़ज़ाने में ‘माल’ तो दे सकती है परंतु ‘मान’ कभी नहीं देगी क्योंकि भाजपा की साज़िशन चाल ही यही है कि ‘पहले इस्तेमाल करो, फिर बर्बाद करो’।
बड़े-बड़े वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, सामान्य पुलिसकर्मियों को आगे करके भाजपा की अंदरूनी लड़ाई से बचना चाहते हैं। बड़े वर्चस्ववादी पुलिस अधिकारी एसी में बैठकर, बड़े भाजपाइयों के सामने अपना तो ‘यस सर-यस सर’ कर रहे हैं लेकिन सड़कों पर, भाजपा के आनुषंगिक संगी-सहयोगियों के अभद्र व्यवहार के बावजूद, अन्य कनिष्ठ पुलिसकर्मियों को ‘भाई-भाई’ कहकर हाथ जोड़ने को मजबूर कर रहे हैं।
भाजपा ने अपने तथाकथित राजनीतिक सहयोगियों की जो दुर्गति की है, उससे वो अपने-अपने समाज में मुँह दिखाने लायक नहीं बचे हैं। उनको समझ नहीं आ रहा है कि अब जाएं तो जाएं कहाँ। भाजपा ने सियासी रूप से उनको बर्बाद कर दिया है। उनके हाथ-पैर ठंडे पड़ गये हैं और चेहरे ‘पीले’।
दरअसल, एबीवीपी कार्यकर्ता राजभर के ‘गुंडा’ कहने वाले बयान से नाराज़ होकर उनके आवास पर जुटे। इस दौरान कथित तौर पर पत्थरबाज़ी, अभद्र भाषा और वाहनों में तोड़फोड़ की गई। राजभर के बेटे अरुण राजभर ने इसकी निंदा करते हुए एबीवीपी पर हमला बोला।
अखिलेश ने कहा कि बीजेपी पैसों की लालच में सहयोगियों को तो अपने साथ ले आती है, लेकिन उन्हें सम्मान कभी नहीं देती। उन्होंने बीजेपी की रणनीति को “पहले इस्तेमाल करो, फिर फेंक दो” बताया।
सपा प्रमुख ने एक वीडियो भी साझा किया जिसमें पुलिसकर्मी एबीवीपी कार्यकर्ताओं को ‘भाई’ कहते सुने जा रहे हैं। इस पर उन्होंने कटाक्ष किया कि बड़े पुलिस अधिकारी एयरकंडीशन कमरों में बैठकर नेताओं को ‘यस सर-यस सर’ कर रहे हैं, जबकि कनिष्ठ पुलिसकर्मी सड़क पर भाजपा के सहयोगी संगठनों से हाथ जोड़ने को मजबूर हैं।
अब एबीवीपी नेता गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले हैं, जिस पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं।