जुबिली न्यूज डेस्क
नई दिल्ली: देश की रक्षा करने वाले जवानों के साथ जिस तरह का बर्ताव हुआ है, उसने सरकार और रेलवे प्रशासन पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। त्रिपुरा से कश्मीर के लिए रवाना किए जा रहे BSF (सीमा सुरक्षा बल) के जवानों को ऐसी ट्रेन में भेजा गया, जिसकी हालत बेहद खराब थी — न खिड़कियां सही थीं, न दरवाजे। बिजली और टॉयलेट की भी स्थिति बेहद खराब थी।
त्रिपुरा से जम्मू-कश्मीर ड्यूटी पर जा रहे थे जवान
जानकारी के मुताबिक, करीब 1,200 BSF जवानों को अमरनाथ यात्रा के दौरान ड्यूटी निभाने के लिए त्रिपुरा से कश्मीर भेजा जा रहा था। लेकिन जिस ट्रेन से उन्हें भेजा गया, उसकी हालत देखकर खुद जवानों ने नाराजगी जाहिर की।
जवानों की शिकायतें – ट्रेन में कैसी थी स्थिति?
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डिब्बों की हालत बेहद जर्जर थी
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खिड़कियां और दरवाजे टूटे हुए थे
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टॉयलेट गंदे और टूटी हालत में थे
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कई बोगियों में बिजली की व्यवस्था नहीं थी
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गर्मी में पीने के पानी और वेंटिलेशन की भी व्यवस्था नहीं थी
क्या कोई मंत्री ऐसी ट्रेन में सफर करेगा?
सोशल मीडिया पर लोग भड़क उठे हैं। लोग सवाल पूछ रहे हैं —“क्या कोई मंत्री या वीवीआईपी ऐसी ट्रेन में यात्रा करेगा?”“जवानों को क्या हम सिर्फ पोस्टर और चुनावी भाषणों के लिए ही सम्मान देते हैं?”
यह सवाल इसलिए और गंभीर हो जाते हैं क्योंकि देश के VIP नेताओं के लिए विशेष हवाई जहाज और लग्ज़री सुविधाएं होती हैं, जबकि जो जवान देश की सेवा में दिन-रात लगे हैं, उन्हें ऐसी ट्रेन में सफर करने को मजबूर किया गया।
विपक्ष ने सरकार को घेरा
कई विपक्षी नेताओं ने इस मुद्दे पर सरकार को घेरा है। NSUI प्रभारी कन्हैया कुमार ने कहा —”खुद महंगे मशरूम खाने वाली सरकार जवानों को टूटी ट्रेन में सफर करवाती है। क्या यही है देशभक्ति?”
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ये सिर्फ ट्रेन नहीं, सोच की झलक है
ये घटना सिर्फ एक ट्रेन की बदहाली की नहीं, बल्कि उस सोच की है जो जवानों की प्राथमिकताओं को पीछे कर देती है। सवाल सिर्फ ये नहीं है कि ट्रेन कैसी थी, सवाल ये भी है कि क्या जवानों के सम्मान को आज भी प्राथमिकता दी जा रही है?