जुबिली पोस्ट ब्यूरो
लखनऊ। प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त ने बताया कि इस समय यूपी में आयकर चोरी के कुल 888 मामले सुनवाई के लिए यहां के मात्र पांच कोर्ट में विचाराधीन हैं जबकि सही मायने में और चार कोर्ट होने चाहिए।
वार्षिक टैक्स संग्रह के बाबत उन्होंने जानकारी दी कि इस बार आयकर विभाग ने पिछले बार से 13.5 फीसद अधिक टैक्स कलेक्शन किया जो कि 11 लाख 18 हजार 63 करोड़ रुपये रहा।
इस वित्तीय वर्ष आयकर विभाग ने पूरे देश में आठ से 10 लाख करोड़ का कर संकलन किया, जबकि विभिन्न मदों में अलग- अलग संस्थाओं को तकरीबन 25 लाख करोड़ रुपये की आयकर छूट प्रदान किया गया। केंद्र सरकार वार्षिक कर संकलन और आयकर छूट में आ रहे इतने बड़े अंतर को लेकर अत्यंत गंभीर है।
ऐसा इसलिए होता दिख रहा है क्योंकि आयकर के जिन नियमों के अन्तर्गत और सामाजिक जिम्मेवारियों (सीएसआर- कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी) के मद्देनजर संस्थाओं को कर छूट दी जाती है, उसका इस्तेमाल उस मद में नहीं होता है।

लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। ये बातें प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त ( छूट) प्रमोद कुमार गुप्ता ने राजधानी लखनऊ में मीडिया कर्मियों से रूबरू होते हुए कहीं। उन्होंने बताया कि ऐसा पहली बार होगा जब कोई सरकार कर छूट के उक्त सिस्टम को दुरूस्त करने के लिए अलग से आयकर विभाग में प्रधान आयकर आयुक्त छूट के अतिरिक्त पद का गठन किया है।
कर छूट समेत अन्य वित्तीय मुद्दों पर बोले प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त प्रमोद कुमार
यूपी के संदर्भ में उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में ईस्ट और वेस्ट मिलाकर 13 हजार करोड़ रुपये का कर संग्रह हुआ जबकि आयकर छूट का आंकड़ा 43 हजार करोड़ रूपये रहा। उनके अनुसार देश- प्रदेश में ऐसी तकरीबन 20 हजार संस्थायें जिनमें शैक्षणिक, सोशल ट्रस्ट, एनजीओ व सोसायटी आदि हैं, जो संबंधित नियमों के तहत आयकर छूट प्राप्त करती हैं।
इसी क्रम में प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त ने यह भी कहा कि उत्तराखंड के हल्द्वानी में जांच के दौरान पता चला कि टीडीएस राशि के बचत के मद्देनजर वहां के लोक निर्माण विभाग के दो डीडीओ ने वित्तीय गड़बड़ियां की जिसके बाद वहां के मुख्य सचिव को उनके खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा गया।

प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त ने यह अंदेशा भी जाहिर किया कि उत्तराखंड की तरह यूपी व अन्य राज्यों के भी सरकारी विभागों में इस प्रकार की वित्तीय अनियमिततायें हो सकती हैं जिसके लिए जल्द ही सर्वे कराया जाएगा।
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के सरकारी विभागीय सिस्टम द्वारा किये जा रहे इस प्रकार के करापवंचन के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिख सकते हैं ताकि जांच प्रक्रिया में कोई अड़चन नहीं आने पाये।
वहीं यूपी वेस्ट की बात करें तो गत वर्ष से 23 फीसद ज्यादा 29099.2 करोड़ रुपये तथा यूपी ईस्ट में 23 फीसद अधिक 13 हजार 553 करोड़ रुपये आयकर राजस्व प्राप्त किया।
Jubilee Post | जुबिली पोस्ट News & Information Portal
